अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर संजय राउत ने साइबर अटैक की आशंका जताई है। उन्होंने दुश्मन देश की साजिश की ओर इशारा किया। केंद्र सरकार ने जांच के लिए हाई लेवल कमेटी बनाई है।
Ahmedabad Plane Crash: शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने अहमदाबाद में हुए दर्दनाक विमान हादसे पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए साइबर हमले की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि दुश्मन देश पहले भी भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को साइबर अटैक के ज़रिए निशाना बना चुके हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि जांच में इस एंगल को भी शामिल किया जाए। हादसे में 265 लोगों की जान चली गई, और अब इसकी जांच के लिए केंद्र सरकार ने हाई लेवल कमेटी का गठन कर दिया है।
हादसे पर संजय राउत के सवाल
मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए संजय राउत ने कहा कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच बेहद गंभीरता से होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विमान उड़ान भरने के महज 30 सेकेंड बाद ही क्रैश हो गया, जिससे यह हादसा सामान्य तकनीकी खराबी नहीं लग रहा।
उनके मुताबिक, “मैं तकनीकी एक्सपर्ट नहीं हूं, लेकिन घटना की टाइमिंग और पैटर्न को देखते हुए शक होता है कि कहीं यह दुश्मन देश द्वारा किए गए साइबर अटैक का मामला तो नहीं है।” राउत ने यह भी कहा कि भारत पहले भी दुश्मन देशों के साइबर हमलों का शिकार हो चुका है, खासकर रक्षा और विमानन क्षेत्रों में।
एविएशन सेक्टर पर उठे बड़े सवाल
राउत ने सिर्फ हादसे की वजह नहीं, बल्कि पूरे एविएशन सिस्टम पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि अहमदाबाद के उस विमान का मेंटेनेंस किस कंपनी या एजेंसी के पास था? और हादसा उसी विमान के साथ क्यों हुआ जो अहमदाबाद से टेक-ऑफ कर रहा था?
उन्होंने कहा कि बोइंग डील को लेकर पहले ही राजनीतिक विवाद रहा है, और अब हादसे के बाद एविएशन सेक्टर में आम नागरिकों का विश्वास भी कमजोर हो सकता है। “अब लोग हवाई यात्रा को लेकर डर महसूस करेंगे,” उन्होंने कहा।
विमान के सिस्टम पर साइबर अटैक की संभावना
साइबर अटैक के ज़रिए विमान की नैविगेशन या कम्युनिकेशन सिस्टम को हैक किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां विमानों के ऑटोमैटिक सिस्टम में गड़बड़ी करके हादसे करवाए गए। राउत ने इसी संदर्भ में यह सवाल उठाया कि क्या भारत में भी ऐसा कुछ हुआ हो सकता है?
उन्होंने कहा कि यह सवाल इसलिए जरूरी है क्योंकि विमान के क्रैश होने का समय और तरीका सामान्य दुर्घटनाओं से मेल नहीं खाता। यह पूरी घटना प्लान्ड या टार्गेटेड लगती है, जिसे साइबर अटैक जैसे आधुनिक तरीकों से अंजाम दिया गया हो सकता है।
केंद्र सरकार ने बनाई हाई लेवल जांच कमेटी
घटना के बाद केंद्र सरकार ने तुरंत संज्ञान लेते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में DGCA, AAIB और अन्य तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं। सरकार ने कमेटी को 3 महीने के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक, इस जांच में तकनीकी कारणों के साथ-साथ किसी भी तरह की साजिश या साइबर अटैक की संभावना की भी जांच की जाएगी।