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दिल्ली में 2,800 नई इलेक्ट्रिक बसें होंगी शामिल, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 107 करोड़ की मंजूरी

दिल्ली में 2,800 नई इलेक्ट्रिक बसें होंगी शामिल, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 107 करोड़ की मंजूरी

दिल्ली के पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेड़े में 2,800 नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने की मंजूरी मिल गई। पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत 12 और 9 मीटर की लो-फ्लोर एसी बसें और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा।

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने राजधानी के सार्वजनिक परिवहन को स्वच्छ और आधुनिक बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब दिल्ली के पब्लिक ट्रांसपोर्ट फ्लीट में 2,800 नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी। इन बसों के साथ ही चार डिपो में 107 करोड़ रुपये की चार्जिंग बुनियादी ढांचा परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। इस पहल से राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहन परिचालन को मजबूती मिलेगी और प्रदूषण कम होगा।

नई इलेक्ट्रिक बसों में एडवांस फीचर्स और सुरक्षा

नई बसें लो-फ्लोर एसी मॉडल की होंगी, जिनकी लंबाई 12 मीटर और 9 मीटर होगी। इनमें एडवांस बैटरी तकनीक का उपयोग किया गया है, जो पांच घंटे से कम समय में पूरी तरह चार्ज हो जाएगी। सुरक्षा के लिए शॉर्ट-सर्किट और अधिक गर्मी से बचाव के उपाय किए गए हैं।

बसों में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन, पावर स्टीयरिंग और आसान प्रवेश के लिए लो-फ्लोर एंट्री होगी। 12-मीटर की बस 200 किमी और 9-मीटर की बस 180 किमी की दूरी तय कर सकेगी। यात्री सुविधाओं में व्हीलचेयर स्पेस, दोहरे दरवाजे और 2x2 सीटिंग लेआउट शामिल है।

चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की योजना

दिल्ली सरकार ने द्वारका में चार डिपो के लिए चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 107 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। प्रत्येक डिपो में एडवांस ईवी चार्जिंग स्टेशन और 384 बसों की क्षमता होगी। चार्जिंग स्टेशन बसों को मात्र 40 मिनट में पूरी तरह चार्ज कर सकेंगे।

इसके साथ ही पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर में बहु-स्तरीय इलेक्ट्रिक बस डिपो की आधारशिला रखी गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह परियोजना राजधानी में ई-बस परिचालन को और अधिक सक्षम और विश्वसनीय बनाएगी।

नई बसों के लिए टेंडर और संचालन प्रक्रिया शुरू

नई बसों के लिए टेंडर प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। ऑपरेटर को 12 साल के लिए बसों का संचालन सौंपा जाएगा। इसके तहत 12-मीटर बसों के लिए वार्षिक न्यूनतम 72,000 किमी और 9-मीटर बसों के लिए 64,800 किमी दूरी तय करने का आश्वासन है। बोली जमा करने की अंतिम तिथि 14 अक्टूबर है।

प्रोटोटाइप परीक्षण फरवरी 2026 से शुरू होंगे और अप्रैल से डिपो को बसें सौंपना शुरू किया जाएगा। मई तक लगभग 40% बसें वितरित की जाएंगी और सितंबर तक पूरी फ्लीट उपलब्ध होने की संभावना है।

2,152 इलेक्ट्रिक बसों के साथ दिल्ली का परिवहन अपडेट

वर्तमान में दिल्ली में 2,152 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हो रही हैं। इनमें से 1,752 डीटीसी के तहत और 400 डीआईएमटीएस क्लस्टर योजना के तहत हैं। इसके साथ ही 2,743 सीएनजी बसें 2026-27 तक धीरे-धीरे हटाई जाएंगी क्योंकि उनकी उम्र सीमा पार हो चुकी है।

साथ ही ऑपरेटर प्रशिक्षित ड्राइवर उपलब्ध कराएगा और किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुचित व्यवहार पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को सेवा से हटा दिया जाएगा। इस योजना से दिल्ली का परिवहन और अधिक पर्यावरण-हितैषी और आधुनिक बनेगा।

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