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दिल्ली में आवारा कुत्तों पर बनेगी एक समान SOP, MCD की बड़ी तैयारी

दिल्ली में आवारा कुत्तों पर बनेगी एक समान SOP, MCD की बड़ी तैयारी

दिल्ली MCD ने आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए एक समान SOP बनाने का फैसला किया। शेल्टर होम, फीडिंग प्वाइंट और माइक्रोचिप नियमों पर एनसीआर के निगमों संग जल्द बैठक होगी।

Delhi: दिल्ली नगर निगम (MCD) अब आवारा कुत्तों के प्रबंधन पर बड़ा कदम उठाने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद MCD ने एनसीआर के सभी नगर निगमों के साथ मिलकर एक समान स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) बनाने का फैसला किया है। इसमें शेल्टर होम, फीडिंग प्वाइंट और खूंखार कुत्तों को पकड़ने के नियम शामिल होंगे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बढ़ी नगर निगम की जिम्मेदारी

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिए अपने आदेश में साफ किया है कि देशभर में आवारा कुत्तों के लिए एकरूपता होनी चाहिए। इसके बाद दिल्ली MCD ने तय किया है कि एनसीआर के अन्य नगर निगमों जैसे फरीदाबाद और गुरुग्राम के साथ मिलकर बैठक की जाएगी। इस बैठक में नए नियम और व्यवस्था पर विचार होगा ताकि सभी जगह एक समान SOP लागू हो सके।

बैठक में होंगे विशेषज्ञ और निगम प्रतिनिधि शामिल

MCD के महापौर राजा इकबाल सिंह ने बताया कि बैठक में सभी नगर निगमों के चुने हुए प्रतिनिधि, निगम आयुक्त, पशु चिकित्सा अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल होंगे। उद्देश्य यह है कि शेल्टर होम के लिए एक मॉडल तैयार किया जाए जहां कुत्तों की देखभाल में कोई दिक्कत न हो। साथ ही सभी निगम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक पारदर्शी तरीके से काम कर सकें।

फरीदाबाद में अपनाई जा रही माइक्रोचिप तकनीक

फरीदाबाद नगर निगम पहले ही आवारा कुत्तों के बंध्याकरण के दौरान माइक्रोचिप लगाने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। इससे कुत्तों की सही संख्या का पता चलता है और उनकी ट्रैकिंग आसान हो जाती है। अब तक करीब 3400 कुत्तों में माइक्रोचिप लगाई गई है। चिप से हर कुत्ते का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होता है जिसमें यह दर्ज होता है कि उसे कब और कहां से पकड़ा गया, इलाज किया गया और छोड़ा गया।

शेल्टर होम के लिए चिह्नित स्थान

MCD ने दिल्ली में शेल्टर होम बनाने के लिए दो स्थान चिह्नित किए हैं। पहला द्वारका सेक्टर 29 और दूसरा बेला रोड पर होगा। इन शेल्टर होम में कुत्तों के इलाज, खाने-पीने और देखभाल की पूरी व्यवस्था होगी।

बजट और अनुमानित खर्च

MCD के पास वर्तमान में पशु चिकित्सा सेवाओं का बजट 108 करोड़ रुपये है जबकि अनुमान के अनुसार करीब 100 करोड़ रुपये की और आवश्यकता होगी। दिल्ली में लगभग 10 लाख आवारा कुत्ते हैं। एक कुत्ते के रखरखाव पर प्रतिदिन 110 रुपये खर्च होने का अनुमान है। अगर खूंखार कुत्तों की बात करें तो इनकी संख्या करीब 80 हजार तक हो सकती है। इस पर प्रतिदिन लगभग 80 लाख रुपये का खर्च आएगा।

फीडिंग प्वाइंट पर निगम का नियंत्रण

पहले फीडिंग प्वाइंट की जिम्मेदारी एनिमल वेलफेयर बोर्ड के पास थी। अब यह अधिकार MCD को मिला है। इसका मतलब है कि निगम को न सिर्फ कुत्तों के लिए खाने की व्यवस्था करनी होगी बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यह सभी जगह समान रूप से लागू हो।

क्यों जरूरी है एक समान SOP

अगर एनसीआर के अलग-अलग नगर निगम अलग तरीके से काम करेंगे तो कई कानूनी बाधाएं आ सकती हैं। एक समान SOP होने से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू करने में आसानी होगी और सभी निगमों की जिम्मेदारी स्पष्ट होगी।

महापौर का बयान

महापौर राजा इकबाल सिंह का कहना है कि सभी नगर निगम अपनी तैयारियों की जानकारी बैठक में देंगे। इससे यह तय होगा कि आवारा कुत्तों के प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों में जो नए नियम आए हैं जैसे खूंखार कुत्तों को शेल्टर होम में रखने की बात, उस पर गंभीरता से काम करना होगा।

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