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दिल्ली में पार्किंग विवादों ने लिया हिंसक मोड़, 2023 में 7,328 मामले दर्ज, चिंता में प्रशासन

दिल्ली में पार्किंग विवादों ने लिया हिंसक मोड़, 2023 में 7,328 मामले दर्ज, चिंता में प्रशासन

दिल्ली में पार्किंग को लेकर विवाद तेजी से हिंसक हो रहे हैं। 2023 में ऐसे 7,328 मामले दर्ज हुए। हाल ही में हुमा कुरैशी के भाई की हत्या ने इस गंभीर समस्या को उजागर किया।

Delhi Parking Dispute: दिल्ली की सड़कों पर पार्किंग को लेकर तनाव अब हिंसक घटनाओं में बदल रहा है। हाल ही में एक्ट्रेस हुमा कुरैशी के भाई आसिफ कुरैशी की पार्किंग विवाद में हत्या ने इस गंभीर समस्या की ओर देशभर का ध्यान खींचा है।

आसिफ कुरैशी की हत्या: एक चेतावनी

7 अगस्त की रात दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में आसिफ कुरैशी की स्कूटर पार्किंग को लेकर हुए विवाद में हत्या कर दी गई। इस वारदात में दो लोगों ने उन्हें चाकू मार दिया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और हथियार भी जब्त कर लिए हैं। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे एक छोटी सी पार्किंग की बहस जानलेवा रूप ले सकती है।

पार्किंग विवाद में बढ़ती हिंसा

दिल्ली में पार्किंग को लेकर विवाद कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब यह झगड़े हिंसा और हत्या तक पहुंचने लगे हैं। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में पार्किंग विवादों से जुड़ी 2,413 शिकायतें दर्ज हुईं। 2022 में यह बढ़कर 3,367 हो गईं। 2023 में यह संख्या 7,328 तक पहुंच गई। यानी दो साल में इन मामलों में लगभग तीन गुना इजाफा हुआ है।

अवैध पार्किंग बनी बड़ी समस्या

दिल्ली की सड़कों पर अवैध पार्किंग आम बात हो गई है। 2024 में अब तक 4.79 लाख चालान सिर्फ अवैध पार्किंग के लिए काटे गए हैं। लोग सड़कों, फुटपाथों, गलियों और यहां तक कि हाउसिंग सोसाइटी के सामने भी बेतरतीब गाड़ियाँ खड़ी कर देते हैं। इससे न केवल ट्रैफिक बाधित होता है, बल्कि राहगीरों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

वाहनों की बेतहाशा वृद्धि

दिल्ली इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, दिल्ली में कुल 79.46 लाख वाहन रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 20.71 लाख कारें और जीप, करीब 53 लाख मोटरसाइकिल और स्कूटर शामिल हैं। इसके अलावा ऑटो, टैक्सी, बस, ट्रक, ट्रैक्टर सहित लाखों कमर्शियल वाहन भी हैं। हर दिन लगभग 1,500 नए वाहन रजिस्टर हो रहे हैं। लेकिन शहर में पार्किंग की जगह बहुत सीमित है।

गलियों में खड़ी गाड़ियों से उपजते टकराव

दिल्ली के कई इलाकों में गलियों में गाड़ियाँ खड़ी करने की वजह से रास्ता पूरी तरह बंद हो जाता है। छोटे-छोटे कॉलोनी विवाद गाली-गलौज से लेकर मारपीट और अब हत्या जैसे अंजाम तक पहुंच रहे हैं। समाज में सहनशीलता की कमी और कानून के डर का अभाव भी इन घटनाओं को बढ़ावा देता है।

प्रशासन की लापरवाही और अव्यवस्था

दिल्ली में पार्किंग समस्या की एक बड़ी वजह प्रशासन की तैयारी और नीति की कमजोरी भी है। अवैध पार्किंग रोकने के लिए सख्त नियमों का अभाव और उनका ठीक से पालन न होना इस संकट को और गहरा करता है। जोनल पार्किंग प्लान या मल्टीलेवल पार्किंग परियोजनाएँ कागजों पर ही रह जाती हैं।

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