दिवाली पर भारतीय शेयर बाजार में होने वाला मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन निवेशकों के लिए बेहद खास माना जाता है। एक घंटे की यह विशेष ट्रेडिंग न केवल परंपरा है, बल्कि निवेशकों को पूरे साल सुख-समृद्धि और लाभ का प्रतीक भी मानी जाती है।
Diwali Muhurat Trading 2025: दिवाली का त्योहार इस साल 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन शेयर बाजार बंद रहता है, लेकिन परंपरा के तहत एक घंटे का खास सेशन मुहूर्त ट्रेडिंग आयोजित होता है। निवेशक इसे शुभ मानते हैं और विश्वास करते हैं कि इस दौरान किया गया निवेश पूरे साल समृद्धि और लाभ लेकर आता है।
दिवाली पर खास क्यों होती है मुहूर्त ट्रेडिंग
दिवाली को भारतीय संस्कृति में नए साल की शुरुआत माना जाता है। इस दिन निवेशक अपने नए खाते खोलते हैं और देवी लक्ष्मी की पूजा कर समृद्धि की कामना करते हैं। इसी परंपरा से जुड़ा है शेयर बाजार का विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन।
निवेशक मानते हैं कि इस एक घंटे के दौरान किए गए निवेश से पूरे साल बरकत बनी रहती है। यही वजह है कि यह सिर्फ ट्रेडिंग नहीं, बल्कि आस्था और परंपरा का प्रतीक बन चुकी है।
1957 से जारी है मुहूर्त ट्रेडिंग परंपरा
मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने की थी। इसके बाद 1992 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने भी इसे अपनाया। तब से हर साल दिवाली पर यह सेशन आयोजित किया जाता है।
आज यह परंपरा निवेशकों के बीच गहरी पकड़ बना चुकी है। न सिर्फ बड़े कारोबारी, बल्कि छोटे और नए निवेशक भी इसमें सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग 2025
इस साल मुहूर्त ट्रेडिंग 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार को होगी। बीएसई और एनएसई शाम 6:00 से 7:00 बजे तक खुले रहेंगे। इससे पहले ब्लॉक डील और प्री-ओपन सेशन भी आयोजित होंगे।
ब्लॉक डील सेशन शाम 5:30 से 5:40 बजे तक चलेगा, जबकि प्री-ओपन सेशन 5:45 से 6:00 बजे तक होगा। निवेशकों के लिए यह समय बेहद शुभ माना जा रहा है।
क्या मुहूर्त ट्रेडिंग में करना चाहिए निवेश?
विशेषज्ञों का मानना है कि मुहूर्त ट्रेडिंग नए निवेशकों के लिए बेहतर शुरुआत का अवसर हो सकता है। बाजार में सकारात्मक माहौल और भरोसे का जज्बा इस समय निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ाता है।
पुराने निवेशक भी इस दौरान अपने पोर्टफोलियो में नए स्टॉक्स शामिल करते हैं। कई बार यह छोटा सा सेशन निवेशकों को अच्छे रिटर्न दिला देता है।