सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना और अन्य को दिव्यांगों का मजाक उड़ाने पर फटकार लगाई। कोर्ट ने माफी मांगने और केंद्र से सख्त गाइडलाइंस बनाने का निर्देश दिया। भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक की जरूरत बताई।
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और मशहूर कॉमेडियन समय रैना सहित कई अन्य कॉमेडियंस को दिव्यांगजनों का मजाक बनाने पर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने साफ कहा कि ऐसे कृत्य न केवल असंवेदनशील हैं बल्कि समाज में गलत संदेश भी देते हैं। कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी कॉमेडियंस को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सार्वजनिक माफी मांगनी होगी।
यह मामला SMA Cure Foundation की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया, जिसमें कॉमेडियंस पर दिव्यांगों के खिलाफ असंवेदनशील और अपमानजनक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया गया था।
याचिका में किन कॉमेडियंस के नाम आए सामने
SMA Cure Foundation की याचिका में समय रैना के अलावा विपुन गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, सोनाली ठक्कर और निशांत जगदीश तनवार के नाम भी शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने अपने स्टैंडअप शो और पॉडकास्ट में ऐसे बयान दिए, जो दिव्यांगजनों की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कहा कि किसी भी इंसान की शारीरिक अक्षमता का मजाक उड़ाना समाज के लिए गलत संदेश देता है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी की गरिमा से समझौता नहीं हो सकता।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिए गाइडलाइंस बनाने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाने की अनुमति दी है। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को निर्देश दिया कि वह ऐसे गाइडलाइंस तैयार करें जो न केवल दिव्यांगों के अधिकारों की रक्षा करें, बल्कि यह भी सुनिश्चित करें कि सोशल मीडिया और मनोरंजन जगत में किसी की गरिमा या आत्मसम्मान को ठेस न पहुंचे।
कोर्ट ने कहा कि SMA Cure Foundation और अन्य हितधारकों से सुझाव लेकर ही ये गाइडलाइंस तैयार की जाएं। साथ ही यह भी साफ किया गया कि यह गाइडलाइंस किसी एक घटना के लिए नहीं बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक रूप से लागू होंगी।
कॉमेडियंस को माफी मांगने का आदेश
सुनवाई के दौरान कॉमेडियंस के वकीलों ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि सभी प्रतिवादी अपने यूट्यूब चैनल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सार्वजनिक माफी पोस्ट करेंगे। साथ ही SMA Cure Foundation के सुझाव के आधार पर ये कॉमेडियंस हलफनामा भी दाखिल करेंगे ताकि यह साबित हो सके कि उन्होंने अपने वादे का पालन किया है।
फिलहाल कोर्ट ने इनकी व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी है, लेकिन चेतावनी दी कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो आगे कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
उचित सजा और जुर्माने पर बाद में होगा विचार
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इन कॉमेडियंस पर उचित सजा या जुर्माने का फैसला सुनवाई के अगले चरण में लिया जाएगा। कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि इस मामले को हल्के में नहीं लिया जाएगा क्योंकि यह दिव्यांगजनों की गरिमा और अधिकारों से जुड़ा हुआ है।