UAE Golden Visa: 23 लाख रुपये में यूएई गोल्डन वीजा को लेकर फैली खबरों पर यूएई स्थित रेयाद ग्रुप (Rayad Group) ने माफ़ी मांगते हुए गलत जानकारी प्रसारित करने की पूरी जिम्मेदारी ली है।
दुबई में सस्ते में बसने और सिर्फ ₹23 लाख देकर आजीवन गोल्डन वीजा पाने का जो सपना दिखाया गया था, वह पूरी तरह से झूठा निकला। इस दावे के पीछे जो कंपनी थी, यानी Rayad Group, अब सामने आकर माफी मांग रही है और पूरे मामले की जिम्मेदारी ले रही है। सोशल मीडिया से लेकर वेबसाइट्स तक पर इस खबर ने काफी हलचल मचाई थी। लेकिन अब साफ हो गया है कि ऐसा कोई ऑफर न यूएई सरकार की ओर से आया था, न ही इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि थी।
Rayad Group ने माना अपनी गलती, कहा- गलतफहमी हुई
दुबई में स्थित Rayad Group ने बुधवार को एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि उन्होंने यूएई गोल्डन वीजा को लेकर जो जानकारी दी थी, वह सही नहीं थी और इसका गलत प्रचार हुआ। कंपनी ने स्पष्ट किया कि वे इस तरह की किसी भी सरकारी योजना का हिस्सा नहीं हैं, न ही उनके पास किसी तरह की मंजूरी थी। ग्रुप ने स्वीकार किया कि उनके दावों ने जनता को भ्रमित किया और इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी।
दावा था कि ₹23 लाख देकर मिलेगा आजीवन गोल्डन वीजा
बीते कुछ दिनों से यह चर्चा थी कि Rayad Group के माध्यम से भारतीय नागरिक 1 लाख AED यानी करीब ₹23.30 लाख की एकमुश्त रकम जमा कर यूएई का आजीवन गोल्डन वीजा प्राप्त कर सकते हैं। इस वीजा के लिए प्रॉपर्टी में निवेश, बिजनेस लाइसेंस या रोजगार की अनिवार्यता नहीं थी। दावा किया गया था कि यह नॉमिनेशन-बेस्ड स्कीम है, जिसमें कुछ चुनिंदा लोगों को सरकार की ओर से मंजूरी देकर गोल्डन वीजा दिया जा रहा है।
Rayad Group ने बंद की अपनी 'Visa Advisory' सेवा
Rayad Group ने अपने बयान में यह भी बताया कि अब वे UAE गोल्डन वीजा को लेकर दी जाने वाली निजी परामर्श सेवाएं (Advisory Services) पूरी तरह से बंद कर रहे हैं। कंपनी ने कहा कि यह फैसला उन्होंने इसलिए लिया क्योंकि गलतफहमी फैलने से लोगों में भ्रम पैदा हुआ और इसका असर उनकी साख पर भी पड़ा। उन्होंने यह भी दोहराया कि फिलहाल ऐसी कोई स्कीम सरकार की ओर से नहीं चलाई जा रही है जिसमें एकमुश्त रकम देकर कोई नागरिक सीधे यूएई में बस सके।
बिना निवेश और बिना लाइसेंस के वीजा देने का दावा था
इस विवाद के पहले जो रिपोर्ट्स सामने आई थीं, उनमें बताया जा रहा था कि अब यूएई की ओर से नया नियम लागू किया गया है जिसमें प्रॉपर्टी या बिजनेस में निवेश करने की जरूरत नहीं है। बस ₹23 लाख का भुगतान कर कोई भी व्यक्ति आजीवन के लिए दुबई में बस सकता है। खास बात यह थी कि इसे Rayad Group की ओर से वैध प्रक्रिया बताकर प्रचारित किया जा रहा था, और दावा किया गया कि सरकार ने उन्हें इसकी प्रोसेसिंग का अधिकार सौंपा है।
दुबई में वीजा के असली नियम क्या हैं
हकीकत यह है कि दुबई का गोल्डन वीजा प्राप्त करने के लिए यूएई सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए हुए हैं। वहां बसने के लिए व्यक्ति को आमतौर पर प्रॉपर्टी में निवेश करना होता है जिसकी कीमत कम से कम 2 मिलियन AED यानी लगभग ₹4.66 करोड़ होनी चाहिए। इसके अलावा, कुछ खास क्षेत्रों में काम करने वाले पेशेवरों, वैज्ञानिकों, निवेशकों और छात्रों को ही यह वीजा विशेष परिस्थितियों में दिया जाता है।
UAE सरकार की सख्त नजर
यूएई सरकार इस तरह की किसी भी भ्रामक सूचना के खिलाफ बेहद सख्त है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां निजी कंपनियों ने झूठे दावे कर लोगों को फंसाया। अब ICP और अन्य सरकारी संस्थाएं मिलकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि केवल वैध माध्यमों से ही वीजा प्रक्रिया चले और किसी को गुमराह न किया जा सके।
भारतीयों को विशेष रूप से किया गया था टारगेट
Rayad Group की स्कीम में खासकर भारतीय नागरिकों को टारगेट किया गया था। ऐसा बताया गया कि भारत से दुबई बसने वाले लोगों के लिए यह एक सुनहरा मौका है। बड़ी संख्या में भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स ने इस खबर को शेयर भी किया था। लेकिन अब जब यह पूरी सच्चाई सामने आ चुकी है तो ऐसे लोगों में निराशा भी देखी जा रही है।