मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश की महिलाओं पर सबसे ज्यादा शराब पीने का आरोप लगाया और सीएम मोहन यादव व पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को जिम्मेदार ठहराया। बीजेपी ने इस बयान को महिलाओं का अपमान करार देते हुए कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया। बयान ने राज्य में राजनीतिक बहस को गरमा दिया है।
भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार और बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। पटवारी का कहना है कि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा शराब की खपत हो रही है और इसमें सबसे आगे महिलाएं हैं। उन्होंने राज्य में नशे की स्थिति को लेकर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जिम्मेदार ठहराया।
पटवारी ने कहा कि लाडली बहन योजना के नाम पर वोट लिए गए और आज वही लाडली बहन शराब की खपत में सबसे आगे हैं। उनके अनुसार, प्रदेश में नशे की समस्या इतनी गंभीर है कि ड्रग्स के मामलों में मध्य प्रदेश ने पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है।
जीतू पटवारी ने शराब और बेरोजगारी के लिए बीजेपी को बताया जिम्मेदार
जीतू पटवारी ने आगे आरोप लगाया कि यदि राज्य में युवाओं के बीच बेरोजगारी और नशे की समस्या बढ़ रही है, तो इसकी जिम्मेदारी भाजपा सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की है। उन्होंने कहा, “अगर आपका बेटा बेरोजगार है या नशा करके घर लौटता है, तो दोषी बीजेपी और उनकी नीतियां हैं। प्रदेश की महिलाएं देश में सबसे ज्यादा शराब पीती हैं और यह स्थिति बीजेपी की खराब नीतियों का परिणाम है।”
पटवारी ने यह भी कहा कि राज्य में कुपोषण और गरीबी की समस्या बढ़ रही है और नशे की समस्या इसे और गंभीर बना रही है। उनका दावा है कि राज्य में शराब और ड्रग्स का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है।
कांग्रेस पर महिलाओं का अपमान करने का आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष के बयान के बाद भाजपा ने तीखा पलटवार किया। बीजेपी प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि पटवारी प्रदेश की महिलाओं को शराबी बता कर उनका अपमान कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे बयान महिलाओं के सम्मान के खिलाफ हैं और कांग्रेस को इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
बीजेपी की नेहा बग्गा ने कहा कि जब किसी नेता की सोच खोखली हो, तो वह महिलाओं को बदनाम करने के लिए झूठे आंकड़ों का सहारा लेता है। उनका बयान महिलाओं की गरिमा पर हमला है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
पटवारी के बयान से शुरू हुई राजनीतिक बहस
मध्य प्रदेश में शराब की खपत और नशे की समस्या हमेशा से एक राजनीतिक मुद्दा रही है। पटवारी के बयान के बाद सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में इस विषय पर तीखी बहस छिड़ गई है। विपक्ष और सरकार दोनों पक्ष इसे राजनीतिक टकराव के रूप में पेश कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बयान जब सार्वजनिक होते हैं तो आंकड़ों और तथ्यों की पड़ताल जरूरी है, क्योंकि राजनीति में आंकड़ों का राजनीतिक उद्देश्य से इस्तेमाल होना आम बात है।