एयर इंडिया हादसे के पीड़ित ब्रिटिश नागरिकों के परिवारों ने आरोप लगाया है कि उन्हें गलत शव सौंपे गए। अंतिम संस्कार रद्द करना पड़ा। वकीलों ने जांच और जवाबदेही की मांग की है।
Plane Crash: एयर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही उड़ान संख्या AI 171, 12 जून को उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा ज़मीन पर मौजूद 19 लोग भी मारे गए थे। इस हादसे में मारे गए 52 यात्री ब्रिटिश नागरिक थे। अब इन ब्रिटिश पीड़ितों के परिवारों ने एक गंभीर आरोप लगाया है कि उन्हें उनके परिजनों के शवों की जगह गलत शव भेजे गए हैं।
एक ही ताबूत में दो शव, अंतिम संस्कार रद्द
ब्रिटेन की प्रतिष्ठित वेबसाइट डेलीमेल के अनुसार, कुछ मामलों में मृतकों के अंतिम संस्कार इसलिए रद्द करने पड़े क्योंकि ताबूत में किसी और व्यक्ति के अवशेष पाए गए। एक अन्य चौंकाने वाले मामले में दो शवों को एक ही ताबूत में रख दिया गया था, जिसे दफनाने से पहले अलग करना पड़ा।
परिवारों में गहरा आक्रोश और दुख
ब्रिटिश परिवारों की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे वकील जेम्स हीली-प्रैट ने कहा कि पीड़ित परिवार बेहद व्यथित और आक्रोशित हैं। उन्होंने बताया, "मैं पिछले एक महीने से इन परिवारों के घरों में बैठा हूं और एक ही बात सामने आई है कि वे सिर्फ अपने प्रियजनों के अवशेष सही रूप में पाना चाहते हैं। लेकिन कुछ को गलत अवशेष मिले हैं, और वे इससे स्पष्ट रूप से परेशान हैं।"
हीली-प्रैट ने एयर इंडिया से मांगा जवाब
वकील हीली-प्रैट ने बताया कि कुछ परिवारों को अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। वे अब तक एयर इंडिया और उसकी इमरजेंसी रिस्पॉन्स एजेंसी 'केन्यन्स इंटरनेशनल इमरजेंसी सर्विसेज' से आधिकारिक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह केवल गलती नहीं है बल्कि यह एक संवेदनशील और मानवीय मुद्दा है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।"
ब्रिटिश कोरोनर ने पहचानीं त्रुटियां
इनर वेस्ट लंदन की कोरोनर डॉ. फियोना विलकॉक्स ने इन त्रुटियों की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि कई शवों की पहचान गलत हुई है, जिसके कारण परिजनों को भारी मानसिक आघात पहुंचा है।
एयर इंडिया हादसे के बाद शवों को लेकर हुई इस लापरवाही की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। विशेष रूप से ब्रिटेन में मीडिया और नागरिक समाज इस मुद्दे को लेकर बेहद गंभीर है। डेलीमेल की रिपोर्ट ने मामले को और अधिक गंभीर बना दिया है।
निजी कंपनियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में
केन्यन्स इंटरनेशनल इमरजेंसी सर्विसेज जैसी कंपनियां आपात स्थिति में सहायता के लिए जिम्मेदार होती हैं। लेकिन जिस तरह से शवों की हैंडलिंग में लापरवाही बरती गई है, उससे इन एजेंसियों की पेशेवर क्षमता और नैतिक जिम्मेदारियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
ब्रिटिश परिवारों ने एयर इंडिया और भारत सरकार से इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि शवों की पहचान में हुई गलती की वजह से उन्हें न केवल भावनात्मक आघात पहुंचा है, बल्कि उनके धार्मिक रीति-रिवाज भी बाधित हुए हैं।