गणेश चतुर्थी 2025 पर 27 अगस्त को घर में गणपति मूर्ति स्थापित करने के लिए शुभ मुहूर्त और दिशा बेहद महत्वपूर्ण हैं। सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक मूर्ति स्थापना सबसे अधिक लाभकारी मानी गई है। ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में मूर्ति स्थापित करने से घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित होता है। मिट्टी की बैठे हुए गणपति मूर्तियां और सही दिशा-निर्देश पालन करना पूजा को और अधिक मंगलकारी बनाता है।
Ganesh Chaturthi 2025: इस साल गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जाएगी और इस दिन घरों में गणपति मूर्ति स्थापित करना शुभ माना गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक मूर्ति स्थापना करना सबसे लाभकारी होगा। गणपति मूर्ति खरीदते समय मिट्टी की बैठी हुई मूर्ति चुनें और इसे घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में स्थापित करें। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है, जबकि पूजा का प्रभाव भी अधिकतम होता है।
गणेश चतुर्थी पर शुभ मुहूर्त
इस साल गणेश चतुर्थी पर सुबह 11 बजे के बाद मूर्ति स्थापित करना सबसे शुभ माना गया है। इसके पहले भी आप शुभ चौघड़िया मुहूर्त का पालन करते हुए सुबह 7:33 से 9:09 बजे और 10:46 से दोपहर 12:22 बजे के बीच गणपति को घर ला सकते हैं। कुछ भक्त गणपति मूर्ति को हरतालिका तीज, यानी 26 अगस्त को भी लाते हैं; इस दिन सुबह 9:09 से दोपहर 1:59 बजे तक स्थापना करना शुभ रहता है। इस मुहूर्त में मूर्ति स्थापित करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और नई शुरुआत के लिए आशीर्वाद मिलता है।
मध्याह्न का समय सबसे शुभ
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न के समय हुआ था। इसलिए सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक का समय गणपति पूजा और मूर्ति स्थापना के लिए सबसे अधिक लाभकारी माना जाता है। इस समय में मूर्ति स्थापित करने से घर में समृद्धि, सुख-शांति और सभी बाधाओं का निवारण होता है।
मूर्ति स्थापना के लिए दिशा और स्थान
मूर्ति को खरीदने के बाद सही दिशा और स्थान पर स्थापित करना भी महत्वपूर्ण है। वास्तु और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण घर का सबसे शुभ और पवित्र स्थान माना जाता है। इस दिशा में गणपति की स्थापना से सकारात्मक ऊर्जा, आध्यात्मिक लाभ और मंगलकारी वातावरण सुनिश्चित होता है।
मूर्ति खरीदते समय ध्यान दें
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मिट्टी की गणेश मूर्ति ही सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। बप्पा की सूंड बाईं ओर हो और मूर्ति बैठे हुए स्वरूप में हो। सिंदूरी और सफेद रंग की मूर्तियां अधिक प्रभावशाली मानी जाती हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि मूर्ति कहीं से टूट-फूट या खंडित न हो।
गणेश चतुर्थी पर सही मुहूर्त और दिशा का पालन करके मूर्ति स्थापित करने से यह पर्व और भी मंगलकारी बनता है और घर में खुशहाली का माहौल सुनिश्चित होता है।