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गावस्कर-कोहली को पीछे छोड़ने का सुनहरा मौका: इंग्लैंड में इतिहास रच सकते हैं ऋषभ पंत

गावस्कर-कोहली को पीछे छोड़ने का सुनहरा मौका: इंग्लैंड में इतिहास रच सकते हैं ऋषभ पंत

ऋषभ पंत के पास इंग्लैंड में एक और शतक लगाकर कोहली-गावस्कर को पीछे छोड़ने और गांगुली की बराबरी करने का सुनहरा मौका है।

Rishabh Pant: भारत और इंग्लैंड के बीच बहुप्रतीक्षित टेस्ट सीरीज की शुरुआत 20 जून से लीड्स के हेडिंग्ले मैदान में हो रही है। इस बार भारतीय टीम का चेहरा बदला हुआ है। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों के संन्यास के बाद यह टीम युवाओं की उम्मीदों पर टिकी है। कप्तानी की जिम्मेदारी शुभमन गिल संभाल रहे हैं और उपकप्तान की भूमिका में हैं ऋषभ पंत। यही पंत अब इस सीरीज में एक ऐसा रिकॉर्ड अपने नाम करने के करीब पहुंच चुके हैं, जो उन्हें कोहली, गावस्कर और गांगुली जैसे दिग्गजों की सूची में खड़ा कर सकता है।

पंत के पास ऐतिहासिक मौका

ऋषभ पंत इंग्लैंड में खेले गए टेस्ट मैचों में अब तक शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने 9 टेस्ट मैचों में कुल 556 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 146 रन रहा है। अगर वह इस सीरीज में एक और शतक लगाने में कामयाब होते हैं, तो इंग्लैंड में सबसे ज्यादा टेस्ट शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाजों की सूची में वह विराट कोहली और सुनील गावस्कर को पीछे छोड़ देंगे, जिनके नाम यहां दो-दो शतक दर्ज हैं।

गांगुली की बराबरी का मौका

इतना ही नहीं, अगर ऋषभ पंत एक शतक और जड़ देते हैं, तो वह सौरव गांगुली की बराबरी कर लेंगे। गांगुली ने इंग्लैंड में तीन टेस्ट शतक लगाए थे। राहुल द्रविड़, जिन्होंने इंग्लैंड में छह शतक लगाए हैं, अब भी इस सूची में सबसे ऊपर हैं। लेकिन जिस तरह से पंत विदेशी धरती पर खेलते आए हैं, उन्हें देखकर लगता है कि वह इस सूची में ऊपर जाने की काबिलियत रखते हैं।

2018 से अब तक का पंत का सफर

पंत ने साल 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ ही अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। उस समय से लेकर अब तक उन्होंने 43 टेस्ट मैचों में 2948 रन बना लिए हैं, जिसमें छह शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी बल्लेबाजी में आक्रामकता और परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने की क्षमता उन्हें बाकी बल्लेबाजों से अलग बनाती है। खास बात ये है कि पंत का बल्ला विदेशी जमीन पर अक्सर आग उगलता है, चाहे वह ऑस्ट्रेलिया हो या इंग्लैंड।

नई जिम्मेदारी, नया जोश

इस बार पंत टीम के उपकप्तान हैं और यह जिम्मेदारी उन्हें अतिरिक्त प्रेरणा देगी। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सीनियर बल्लेबाजों की गैरमौजूदगी में टीम को एक ऐसे खिलाड़ी की ज़रूरत है जो संकट की घड़ी में मोर्चा संभाले और पंत इस भूमिका के लिए बिल्कुल फिट बैठते हैं। टीम मैनेजमेंट भी उन्हें अब सिर्फ एक विकेटकीपर-बल्लेबाज नहीं, बल्कि एक लीडर के रूप में देख रहा है।

इंग्लैंड में जीत का इंतजार

भारतीय टीम पिछले 17 वर्षों से इंग्लैंड की सरजमीं पर कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई है। आखिरी बार भारत ने 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में इंग्लैंड को 1-0 से हराया था। इसके बाद 2011, 2014 और 2018 में भारत को हार का सामना करना पड़ा। पिछली सीरीज 2-2 से बराबरी पर खत्म हुई थी, लेकिन इस बार उम्मीदें कहीं ज्यादा हैं, क्योंकि टीम में एक नई ऊर्जा और नई सोच है।

क्या कहते हैं आंकड़े?

  • इंग्लैंड में पंत के टेस्ट आंकड़े: 9 मैच, 556 रन, 2 शतक, 2 अर्धशतक
  • कुल टेस्ट करियर: 43 मैच, 2948 रन, 6 शतक, 15 अर्धशतक
  • इंग्लैंड में सबसे ज्यादा टेस्ट शतक (भारतीय खिलाड़ी):
  • राहुल द्रविड़ – 6
  • सौरव गांगुली – 3
  • सुनील गावस्कर – 2
  • विराट कोहली – 2
  • ऋषभ पंत – 2 (तीसरे के बेहद करीब)

फैंस को पंत से उम्मीद

इस सीरीज में भारतीय फैंस की नजरें जहां शुभमन गिल की कप्तानी पर होंगी, वहीं ऋषभ पंत पर बड़ी पारियों की उम्मीद भी टिकी होगी। टीम के नए स्ट्रक्चर में पंत को न सिर्फ एक बल्लेबाज के रूप में, बल्कि एक मैच फिनिशर और प्रेरणादायक लीडर के रूप में देखा जा रहा है। अगर वह इस जिम्मेदारी को आत्मविश्वास के साथ निभाते हैं, तो यकीन मानिए, यह टेस्ट सीरीज उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है।

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