Pune

German Empire Foundation Day 2025: फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध के बाद एक नए युग की शुरुआत, जर्मनी का स्वर्णिम पल, साम्राज्य का उदय

German Empire Foundation Day 2025: फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध के बाद एक नए युग की शुरुआत, जर्मनी का स्वर्णिम पल, साम्राज्य का उदय
अंतिम अपडेट: 18-01-2025

German Empire Foundation Day: जर्मन साम्राज्य की स्थापना, जिसे ड्यूश रीच्सग्रुंडंग के नाम से भी जाना जाता है, 18 जनवरी 1871 को हुई थी। यह दिन जर्मनी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध में जर्मनी की जीत ने इस घटना को संभव बनाया। जर्मनी के विभिन्न राज्यों ने आपसी मतभेद भुलाकर एकजुटता दिखाई।

कैसे हुई स्थापना?

1870 की नवंबर संधियों के बाद, दक्षिणी जर्मन राज्य बाडेन, वुर्टेमबर्ग, हेस्से-डार्मस्टाट और बवेरिया ने उत्तरी जर्मन परिसंघ का हिस्सा बनने का निर्णय लिया। यह निर्णय 1 जनवरी 1871 से प्रभावी हुआ। इसी के साथ, जर्मनी एक संघीय साम्राज्य बन गया।

वर्सेल्स में शाही घोषणा

18 जनवरी 1871 को, वर्सेल्स के महल में प्रशिया के राजा विल्हेम प्रथम को जर्मन सम्राट घोषित किया गया। यह समारोह ऐतिहासिक था, जिसमें सभी जर्मन राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

जर्मनी का एकीकरण

•    जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया में यह सवाल प्रमुख था कि ऑस्ट्रिया इसमें शामिल होगा या नहीं। प्रशिया के मंत्री ओटो वॉन बिस्मार्क का मानना था कि एकीकरण केवल ऑस्ट्रिया के बिना ही संभव है। 1866 के ऑस्ट्रो-प्रशिया युद्ध के बाद, उत्तरी जर्मन परिसंघ की स्थापना हुई, जो प्रशिया के नेतृत्व में था।
•    1868 में स्पेन की रानी इसाबेला II को गद्दी से हटाने के बाद, स्पेन के सिंहासन के लिए उम्मीदवार के रूप में होहेनज़ोलर्न राजकुमार को प्रस्ताव दिया गया। हालांकि, फ्रांस ने इसे अपना अपमान समझा और युद्ध की धमकी दी। प्रशिया और फ्रांस के बीच विवाद बढ़ते-बढ़ते 1870 में युद्ध में बदल गया।

प्रशिया और उसके सहयोगी राज्यों ने 1870-71 के फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध में फ्रांस पर निर्णायक जीत हासिल की। इस जीत ने दक्षिणी जर्मन राज्यों को उत्तरी जर्मन परिसंघ में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

शाही घोषणा का महत्व

•    18 जनवरी 1871 का दिन विशेष रूप से चुना गया क्योंकि 1701 में इसी दिन प्रशिया के राजा फ्रेडरिक प्रथम का शाही राज्याभिषेक हुआ था। यह दिन जर्मनी के गौरव और संघ का प्रतीक बन गया।
•    शाही घोषणा वर्सेल्स के महल के हॉल ऑफ मिरर्स में हुई। यह स्थान फ्रांस के लुई XIV के विजय प्रतीक के रूप में जाना जाता था। इस ऐतिहासिक पल में जर्मन साम्राज्य के सभी प्रमुख नेता और प्रतिनिधि उपस्थित थे।
•    वर्सेल्स में समारोह की शुरुआत सैन्य परेड से हुई। इसके बाद एक पूजा सेवा आयोजित की गई, जिसमें उपस्थित लोगों ने 'नन डंकेट एले गॉट' (अब हम अपने भगवान का धन्यवाद करते हैं) गीत गाया। इसके बाद ओटो वॉन बिस्मार्क ने घोषणा पढ़ी।

प्रत्यक्षदर्शियों के बयान

•    सम्राट विल्हेम प्रथम ने इस समारोह में अपनी भूमिका को एक विजेता के बजाय, एक सेवक के रूप में प्रस्तुत किया। उनका मानना था कि यह सफलता भगवान और उनके सैनिकों की मेहनत का परिणाम है।
•    ओटो वॉन बिस्मार्क, जो इस एकीकरण के मुख्य वास्तुकार थे, ने इसे जर्मनी के इतिहास का सबसे बड़ा दिन बताया। उन्होंने इसे एक राजनीतिक जीत के रूप में देखा।
•    जर्मन साम्राज्य की स्थापना न केवल जर्मनी के लिए, बल्कि पूरे यूरोप के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी। इसने जर्मनी को एकजुट करके एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाया। यह दिन जर्मन लोगों के साहस, बलिदान और एकता का प्रतीक है।

Leave a comment