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गणेश चतुर्थी 2025: गणपति पूजा में क्या-क्या सामान लगेगा, देखें पूजा सामग्री लिस्ट

गणेश चतुर्थी 2025: गणपति पूजा में क्या-क्या सामान लगेगा, देखें पूजा सामग्री लिस्ट

गणेश चतुर्थी 2025 के अवसर पर 27 अगस्त को घर में गणपति की स्थापना की जाएगी। पूजा के लिए मूर्ति, नारियल, फल, मोदक, पंचामृत, दीपक, फूल, अक्षत, दूर्वा और अन्य पारंपरिक सामग्री चाहिए। शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 से दोपहर 01:40 बजे तक है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से सुख-शांति और समृद्धि मिलती है।

Ganesh Chaturthi Puja Samagri: गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व 27 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा। इस अवसर पर श्रद्धालु घर में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करके विधि-विधान से पूजा करते हैं। पूजा में नारियल, मोदक, पंचामृत, दीपक, फूल, अक्षत, दूर्वा, चंदन, कपूर और अन्य पारंपरिक सामग्री का उपयोग किया जाएगा। शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 से दोपहर 01:40 बजे तक रहेगा। विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

गणेश चतुर्थी पूजा में आवश्यक सामग्री

गणपति बप्पा की पूजा में कई सामग्री की आवश्यकता होती है। इनमें से कुछ मुख्य सामान इस प्रकार हैं:

  • भगवान गणेश की मूर्ति या प्रतिमा।
  • नारियल और मौसमी फल जैसे अमरूद।
  • मिठाइयां, विशेषकर मोदक और बेसन के लड्डू।
  • नैवेद्य यानी पकवान, पंचमेवा और पान।
  • पूजा के लिए घंटी और शंख।
  • आरती की थाली और पूजा चौकी।
  • लाल या पीला आसन या कपड़ा।
  • पंचामृत जिसमें दूध, दही, घी, शहद और शक्कर शामिल हों।
  • कलश, जल सहित नारियल और आम के पत्ते।
  • पान के पत्ते और सुपारी।
  • लौंग और इलायची।
  • अक्षत यानी चावल।
  • दूर्वा तीन पत्ती घास।
  • सिंदूर, हल्दी, कुंकुम, रोली और चंदन।
  • धूप, दीपक, कपूर और अगरबत्ती।
  • फूल, विशेषकर लाल फूल, और माला।
  • फलों में केला और अनार।

गणेश चतुर्थी व्रत पूजन विधि

गणेश चतुर्थी पर पूजा की प्रक्रिया क्रमवार इस प्रकार है:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
  • पूजा चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी की मूर्ति रखें।
  • पूजा में कलश, दीपक, फल, फूल, दूर्वा, मोदक, नारियल, चावल, कपूर और अक्षत सामग्री साथ रखें।
  • सबसे पहले “ॐ गं गणपतये नमः” का जाप करते हुए भगवान को आमंत्रित करें।
  • पूजा में उन्हें फूल अर्पित करें।
  • गणपति बप्पा को गंगाजल या दूध से प्रतीकात्मक स्नान कराएं और फिर साफ जल से शुद्ध करें।
  • भगवान के माथे पर चंदन और रोली लगाएं, हल्दी-अक्षत चढ़ाएं।
  • कपूर और घी का दीप जलाकर आरती करें।
  • पूजा के अंत में हाथ जोड़कर बप्पा से परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की कामना करें।

गणेश चतुर्थी की पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा पाने का अवसर भी है। इस दिन गणेश जी को घर लाने और उनकी विधिवत पूजा करने से परिवार में सौहार्द और खुशहाली आती है। मोदक और फल, विशेष रूप से केले और नारियल, भगवान को अर्पित करना शुभ माना जाता है।

पूजा के लिए समय

गणपति स्थापना के समय का विशेष महत्व है। शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक है। इस समय भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ और सौभाग्य मिलता है। पूजा करते समय वातावरण को शुद्ध और शांत रखना भी आवश्यक है। दीपक, धूप और अगरबत्ती से वातावरण में पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

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