Google के लिए समय और भी मुश्किल हो गया है, जब अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) ने उसकी सर्च इंजन मोनोपोली को लेकर कड़ी आलोचना की। अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) द्वारा उठाए गए एंटी-ट्रस्ट केस के दौरान, FTC ने Google की सर्च मोनोपोली को खतरनाक करार दिया और इसे खत्म करने की मांग की है। FTC के बयान के मुताबिक, Google का एकाधिकार छोटे व्यवसायों की वृद्धि में रुकावट डाल रहा है, और इसका समाधान केवल कंपनी के विभाजन में ही है।
गूगल की सर्च इंजन मोनोपोली पर सवाल
Google ने 1998 में अपनी वेब-आधारित सर्च इंजन की शुरुआत की थी, और तब से यह दुनिया का सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन बन गया है। इसके बाद, Google ने कई और उत्पादों जैसे Google Ads, Google Chrome, और Android ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किए, जो उसकी सफलता को बढ़ाते गए। अब कंपनी नए उत्पाद जैसे Google पिक्सल स्मार्टफोन और Gemini AI पर भी काम कर रही है। इन सभी उत्पादों के जरिए Google ने डिजिटल एडवर्टाइजिंग और सर्च मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।
हालांकि, इस सर्च इंजन के एकाधिकार की वजह से, बाजार में अन्य कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा करना बहुत मुश्किल हो गया है। छोटे व्यवसाय जिनके पास अपनी पहचान बनाने का मौका होना चाहिए, Google के इस एकाधिकार के कारण बहुत प्रभावित हो रहे हैं।
एंटी-ट्रस्ट केस: Google के खिलाफ कानूनी लड़ाई
अमेरिकी कोर्ट में Google के खिलाफ एंटी-ट्रस्ट केस की सुनवाई पिछले तीन हफ्तों से चल रही है। इस मामले में Google ने अपनी स्थिति को सही ठहराते हुए इसे तकनीकी विकास और समय के साथ आए बदलावों से जोड़ा है। लेकिन, Federal Trade Commission (FTC) ने डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के साथ मिलकर यह कहा कि Google का सर्च इंजन मोनोपोली को खत्म करना जरूरी है। FTC का कहना है कि Google के एकाधिकार के कारण ऑनलाइन सर्च में प्रतिस्पर्धा नहीं हो रही, और इसका सीधा असर डिजिटल मार्केट पर पड़ रहा है।
FTC की चेतावनी और Google पर दबाव
Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, FTC (Federal Trade Commission) ने Google को कड़ी चेतावनी दी है। FTC ने कहा कि Google को अपनी प्राइवेसी सेफगार्ड्स को और मजबूत करना चाहिए, खासकर डेटा शेयरिंग के मामले में। इसका मतलब है कि कंपनी को अपने डेटा प्रबंधन के मानकों को उच्च स्तर पर रखना होगा ताकि उपभोक्ताओं का डेटा सुरक्षित रहे। साथ ही, FTC ने यह भी कहा कि Google के कामकाज की नियमित जांच करने वाली एक संस्था की जरूरत है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कंपनी कोई अवैध गतिविधियां नहीं कर रही है और बाजार में उचित प्रतिस्पर्धा बनाए रख रही है।
क्या Google को अपने Chrome ब्राउजर को बेचना चाहिए?
डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) ने Google को एक और महत्वपूर्ण सलाह दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, DOJ का कहना है कि Google को अपने वेब ब्राउजर, Chrome, को बेच देना चाहिए। इससे बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और अन्य कंपनियों को भी मौके मिलेंगे। वर्तमान में, Google Chrome के पास दुनिया भर में 4 अरब से ज्यादा यूजर्स हैं और यह Google के सर्च इंजन से सीधे जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, Google का सर्च इंजन 35% से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स द्वारा उपयोग किया जाता है, जिससे यह एक प्रमुख कनेक्शन बन गया है।
क्या होगा Google के भविष्य में?
Google के भविष्य के लिए FTC और DOJ की कार्रवाई एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। यदि कोर्ट Google के खिलाफ फैसला देती है, तो इसका मतलब होगा कि कंपनी को अपनी सर्च इंजन मोनोपोली को खत्म करना होगा और साथ ही अपने अन्य उत्पादों में भी बदलाव लाने होंगे। इसके अलावा, Google को अपने डेटा प्रबंधन और प्राइवेसी प्रैक्टिसेज को बेहतर बनाने की जरूरत होगी।
यह मामला एक महत्वपूर्ण उदाहरण हो सकता है कि कैसे बड़ी टेक कंपनियां अपने एकाधिकार से छोटे व्यवसायों और प्रतिस्पर्धा पर असर डालती हैं। इससे यह भी साफ होता है कि तकनीकी कंपनियों को अपने बाजार में दबदबे का फायदा उठाने से बचने के लिए पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना चाहिए।
Google के खिलाफ चल रहे एंटी-ट्रस्ट केस में FTC की कड़ी कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि बाजार में एकाधिकार और प्रतिस्पर्धा की कमी से न केवल छोटे व्यवसाय प्रभावित होते हैं, बल्कि यह उपभोक्ताओं के लिए भी हानिकारक हो सकता है। अगर Google को अपनी मोनोपोली खत्म करनी है, तो उसे अपने व्यापार मॉडल में बड़े बदलाव करने होंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि Google इस कानूनी लड़ाई में किस तरह की रणनीतियां अपनाता है और क्या वह अपने उत्पादों को विभाजित करने के लिए तैयार होगा।