दिवाली पर गर्भवती महिलाओं को धुएं, तेज आवाज़ और ज्यादा मिठाई से बचना चाहिए। एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि खानपान में संतुलन रखें, ज्यादा तली-भुनी चीज़ें न खाएं, पर्याप्त पानी पीएं और मानसिक तनाव से दूर रहें। यह मां और होने वाले बच्चे दोनों की सेहत के लिए जरूरी है।
Diwali Safety Tips for Pregnant Women: दिवाली 2025 के मौके पर एक्सपर्ट्स ने गर्भवती महिलाओं को खास सावधानी बरतने की सलाह दी है। पटाखों के धुएं और केमिकल्स से सांस की समस्या हो सकती है, जबकि ज्यादा मिठाई से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसके अलावा, पर्याप्त आराम, नींद और पानी लेना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाएं घर के अंदर रहें या बाहर जाने पर मास्क लगाएं और किसी भी परेशानी पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
पटाखों और धुएं से बचें
दिवाली पर पटाखों और आतिशबाजी के कारण वातावरण में हानिकारक कार्बन पार्टिकल्स और केमिकल्स फैलते हैं। यह गर्भवती महिलाओं की सांस लेने की क्षमता पर असर डाल सकते हैं। दिल्ली एमसीडी की विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को इस समय घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। अगर बाहर जाना अत्यंत आवश्यक हो, तो मास्क पहनकर ही बाहर निकलें। इस दौरान अगर सांस लेने में परेशानी महसूस होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। विशेषज्ञों का कहना है कि लापरवाही करना जोखिम भरा हो सकता है।
धुएं के संपर्क में आने से होने वाले असर का सीधा असर बच्चे पर भी पड़ सकता है। इसलिए घर के अंदर रहने और हवादार कमरे में रहना इस दौरान फायदेमंद रहेगा।
मीठा और तली-भुनी चीजें कम खाएं
दिवाली पर मीठा खाना आम बात है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को इसकी मात्रा पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। गर्भावस्था में ब्लड शुगर का संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। अधिक मीठा खाने से गेस्टेशनल डायबिटीज़ का खतरा बढ़ सकता है। यह खतरा उन महिलाओं में अधिक होता है जिनका वजन अधिक है या जिनके परिवार में डायबिटीज का इतिहास रहा है।
साथ ही, तली-भुनी और मसालेदार चीजें कम खाएं। इसके बजाय हल्का और पौष्टिक भोजन करें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है। दिन में कम से कम आठ से दस गिलास पानी पीना गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है।
मानसिक तनाव और थकान से रहें दूर
दिवाली के मौके पर सफाई, पूजा और मेहमानों के स्वागत की तैयारियों के कारण गर्भवती महिलाओं में थकान और मानसिक तनाव बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भवती महिलाएं पर्याप्त नींद और आराम जरूर लें। अगर थकान या तनाव महसूस हो, तो गहरी सांस लें, ध्यान करें और परिवार से मदद लें।
इस समय किसी भी तरह का भारी फिजिकल वर्क करने से बचें। अगर आवश्यक हो, तो केवल डॉक्टर की सलाह पर ही कोई काम करें। यह न सिर्फ मां की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि होने वाले बच्चे की सेहत के लिए भी लाभकारी है।
घर में सुरक्षित वातावरण बनाएँ
गर्भवती महिलाओं के लिए दिवाली का माहौल घर के भीतर सुरक्षित और आरामदायक होना चाहिए। कमरे में हवादार व्यवस्था रखें और धुएं वाले इलाकों से दूर रहें। घर की सजावट और पूजा के दौरान हल्के और प्राकृतिक उत्पादों का इस्तेमाल फायदेमंद होता है।
इसके अलावा, परिवार के अन्य सदस्य भी मां को आराम देने में मदद करें। यह समय परिवार के लिए भी खुशी और सहयोग का होना चाहिए, ताकि गर्भवती महिला मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहे।
बच्चे और मां की सेहत के लिए सावधानी
विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली के दौरान प्रदूषण और अधिक मिठाई का सेवन बच्चे की विकास प्रक्रिया पर असर डाल सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को इस अवसर पर अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए। सही खानपान, पर्याप्त पानी, आराम और प्रदूषण से बचाव इस दौरान प्राथमिकता होनी चाहिए।
गर्भावस्था में सावधानी रखना केवल मां की ही नहीं, बल्कि होने वाले बच्चे की भी सुरक्षा के लिए जरूरी है। दिवाली का त्योहार खुशियों और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है, इसलिए इसे सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से मनाना चाहिए।