USCIS ने चाइल्ड स्टेटस प्रोटेक्शन एक्ट में बदलाव किया है, जिससे H-1B वीजा होल्डरों के बच्चों की ग्रीन कार्ड पात्रता खतरे में पड़ गई है। नए नियम 15 अगस्त 2025 से लागू होंगे और वीजा रीन्यूअल के लिए विदेश में इंटरव्यू अनिवार्य किया गया है।
H-1B Visa Updates: अमेरिकी USCIS ने चाइल्ड स्टेटस प्रोटेक्शन एक्ट के तहत नई आयु गणना पॉलिसी लागू की है, जो 15 अगस्त 2025 के बाद फाइल किए गए आवेदनों पर प्रभावी होगी। इसका मतलब है कि H-1B वीजा होल्डरों के विदेश में जन्मे बच्चों की ग्रीन कार्ड पात्रता कम हो सकती है। साथ ही, अमेरिकी विदेश विभाग ने 2 सितंबर 2025 से वीजा रीन्यूअल के लिए अपने देश में इन-पर्सन इंटरव्यू अनिवार्य कर दिए हैं। इस पॉलिसी से भारतीय H-1B वीजा धारकों में चिंता बढ़ गई है।
USCIS की नई नीति: CSPA के तहत उम्र की गणना में बदलाव
USCIS ने CSPA के अंतर्गत आयु गणना की प्रक्रिया में बदलाव करते हुए स्पष्ट किया है कि अब वीजा की उपलब्धता को विदेश विभाग के वीजा बुलेटिन के फाइनल एक्शन डेट चार्ट पर आधारित किया जाएगा। यानी, अब किसी बच्चे की उम्र की गणना यह देखने के लिए की जाएगी कि वीजा उपलब्ध है या नहीं, और यह उपलब्धता तभी मानी जाएगी जब फाइनल एक्शन डेट वर्तमान हो।
इस नीति के अनुसार, बच्चों की "उम्र बढ़ने" की अवधि पहले की तुलना में कम हो सकती है, जिससे कुछ बच्चे, जो पहले ग्रीन कार्ड के लिए पात्र माने जाते थे, अब अपनी पात्रता खो सकते हैं। यह बदलाव 15 अगस्त 2025 और उसके बाद दायर किए जाने वाले सभी आवेदनों पर लागू होगा।
भारतीय H-1B वीजा होल्डर्स के बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
भारतीय H-1B वीजा धारकों के परिवारों के लिए यह खबर चिंताजनक है। अमेरिका में काम करने वाले भारतीयों के कई बच्चे देश के बाहर पैदा हुए हैं और कई सालों से ग्रीन कार्ड के लिए वीजा बैकलॉग में फंसे हुए हैं। अब इस नई नीति के तहत, यदि बच्चे की उम्र 21 वर्ष से अधिक हो जाती है और वे "उम्र बढ़ने" के कारण पात्रता खो देते हैं, तो उन्हें ग्रीन कार्ड प्राप्त करने में मुश्किलें आएंगी।
यह स्थिति उनके लिए बेहद कठिन साबित हो सकती है क्योंकि ग्रीन कार्ड मिलने के बाद ही उन्हें अमेरिका में स्थायी निवासी के रूप में रहने और काम करने का अधिकार मिलता है। कई बच्चे, जो पूरे जीवन अमेरिका में रहे हैं और वहाँ की संस्कृति से जुड़े हैं, वे इस नियम के चलते कानूनी स्थिति खो सकते हैं।
वीजा रिन्यूअल पर नए नियम: घर जाकर देना होगा इंटरव्यू
अमेरिकी विदेश विभाग ने भी नॉन-इमिग्रेंट वीजा के नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। इसके तहत 2 सितंबर, 2025 से सभी H-1B वीजा होल्डरों को वीजा नवीनीकरण के लिए अपने गृह देश में जाकर इन-पर्सन इंटरव्यू देना अनिवार्य होगा। इससे पहले यह अनिवार्यता हटा दी गई थी, लेकिन अब इसे पुनः लागू कर दिया गया है।
इस बदलाव से भारतीय वीजा धारकों को अमेरिका छोड़कर भारत या किसी अन्य देश जाकर वीजा इंटरव्यू देना होगा, जिससे उनके लिए यात्रा संबंधी समय और लागत बढ़ सकती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है जो परिवार सहित अमेरिका में रह रहे हैं।
भारत के लिए क्यों अहम है H-1B वीजा
भारत अमेरिका का सबसे बड़ा H-1B वीजा प्राप्तकर्ता देश है। वित्त वर्ष 2023 में करीब 1,91,000 भारतीयों को H-1B वीजा जारी किए गए थे, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर लगभग 2,07,000 हो गए। यह संख्या हर साल बढ़ रही है, क्योंकि भारतीय आईटी, इंजीनियरिंग, और अन्य क्षेत्रों में अमेरिका की तकनीकी कंपनियों में बड़ी संख्या में काम करते हैं।
इन बदलावों का सीधा असर न केवल भारतीय वीजा धारकों की पेशेवर जिंदगी पर पड़ेगा, बल्कि उनके परिवार के भविष्य पर भी गहरा प्रभाव होगा। कई परिवार दशकों से ग्रीन कार्ड बैकलॉग में फंसे हुए हैं, और अब उनकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।