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हिमाचल में बारिश का कहर, मकान ढहने से 5 लोगों की मौत, 1,337 सड़कें बंद

हिमाचल में बारिश का कहर, मकान ढहने से 5 लोगों की मौत, 1,337 सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से पांच लोगों की मौत हो गई। राज्यभर में 1,337 सड़कें बंद हैं और कई जगहों पर अलर्ट जारी है। मुख्यमंत्री ने राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर राहत पैकेज की घोषणा की।

Shimla: हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को भारी बारिश और भूस्खलन से हालात बिगड़ गए, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और 1,337 सड़कें बंद हो गईं। सोलन, कुल्लू और मंडी समेत कई जिलों में मकान ढहने और नदियों के उफान से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। मौसम विभाग ने कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और किन्नौर में ऑरेंज अलर्ट और ऊना व बिलासपुर में येलो अलर्ट जारी किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश को आपदा प्रभावित घोषित कर क्षतिग्रस्त मकानों और प्रभावित परिवारों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की।

भारी बारिश में मकान ढहने से महिला की मौत

मंगलवार देर रात सोलन जिले के समलोह गांव में एक मकान ढह गया, जिसमें दबकर एक महिला की मौत हो गई। मृतका हेमलता के परिवार के अन्य सदस्य घायल हुए, जिनमें उनके पति, चार बच्चे और वृद्ध सास शामिल हैं। कुल्लू के ढालपुर क्षेत्र में भी एक घर गिरने से महिला की मौत हुई, जबकि एक पुरुष को घायल अवस्था में बाहर निकाला गया।

मंडी जिले के पड्डल गुरुद्वारा क्षेत्र के पीछे भूस्खलन से दो मकान क्षतिग्रस्त हुए। हालांकि, समय रहते लोगों को निकाल लिया गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया। कुल्लू के अन्नी इलाके में एक निर्माणाधीन भवन भूस्खलन की चपेट में आ गया, लेकिन उसमें कोई मौजूद नहीं था क्योंकि यह घर पहले ही असुरक्षित घोषित किया गया था।

बारिश से शिमला में स्कूल-कॉलेज बंद

शिमला सहित कई जिलों में लगातार बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। शिमला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों को बुधवार को बंद रखने का आदेश दिया है। शिक्षकों और स्टाफ को भी आने से छूट दी गई है और ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं।

मनालसू नाले में जलस्तर बढ़ने से मनलाई के नौ गांवों का संपर्क पूरी तरह कट गया। बिलासपुर जिले के नैना देवी क्षेत्र में दरारें पड़ने के बाद 16 परिवारों को अपने घर खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा। वहीं, शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग 5 सनवारा क्षेत्र में भूस्खलन के चलते अवरुद्ध हो गया, जिससे यात्री घंटों तक परेशान रहे।

शिमला-कालका रेलमार्ग 5 सितंबर तक बंद

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, मंडी में 282 सड़कें, शिमला में 255, चंबा में 239, कुल्लू में 205 और सिरमौर जिले में 140 सड़कें फिलहाल बंद हैं। इससे न केवल आम लोगों की आवाजाही ठप है बल्कि सेब उत्पादक किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आंतरिक क्षेत्रों से सेब की फसल बाजार तक नहीं पहुंच पा रही है।

भारी बारिश से रेल सेवाओं पर भी असर पड़ा है। शिमला-कालका रेलमार्ग पर भूस्खलन के चलते ट्रेनों को पांच सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। वहीं, मणिमहेश यात्रा में भी बाधा आई है। चंबा में फंसे करीब 5,000 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित घर भेजने के प्रयास जारी हैं।

राज्य को 3,158 करोड़ का नुकसान

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐलान किया है कि जिन परिवारों के घर पूरी तरह ढह गए हैं उन्हें 7 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। घर के अंदर का सामान नष्ट होने पर 70 हजार रुपये अतिरिक्त मिलेंगे, जबकि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए एक लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून सीजन में अब तक 95 बार अचानक बाढ़, 45 बार बादल फटने और 115 बार बड़े भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। राज्य को कुल 3,158 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हो चुका है। वहीं, सड़क दुर्घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं में कम से कम 340 लोगों की जान जा चुकी है और 41 लोग अभी भी लापता हैं।

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