हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने आरएफआईडी आधारित ‘हिम बस कार्ड’ प्रणाली लागू कर दी है। इस नई डिजिटल व्यवस्था का उद्देश्य निगम के बस नेटवर्क में पात्र यात्रियों को मिलने वाली निश्शुल्क और रियायती यात्रा सुविधाओं को डिजिटल, पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाना है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब सरकारी बसों में निशुल्क या रियायती यात्रा का लाभ पाने के लिए हिम बस कार्ड (Him Bus Card) बनवाना अनिवार्य होगा। हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) ने यह सुविधा आरएफआईडी आधारित “हिम बस कार्ड प्रणाली” के रूप में शुरू की है। इस कार्ड से यात्रियों को डिजिटल और पारदर्शी तरीके से यात्रा लाभ मिलेगा।
एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि अब किसी भी पात्र यात्री को निशुल्क या रियायती यात्रा के लिए यह कार्ड अनिवार्य होगा। यदि किसी के पास कार्ड नहीं है, तो उसे बस यात्रा का पूरा किराया देना होगा।
क्या है हिम बस कार्ड योजना?
“हिम बस कार्ड” एक स्मार्ट ट्रैवल कार्ड है, जिसे एचआरटीसी ने डिजिटल सुविधा के रूप में लॉन्च किया है। यह कार्ड बसों में नकद लेनदेन को कम करेगा और पात्र श्रेणियों के यात्रियों को फ्री या रियायती किराए पर यात्रा करने की सुविधा देगा। इस कार्ड में RFID तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे बसों में यात्रा की जानकारी स्वतः दर्ज होगी और धोखाधड़ी की संभावना कम होगी। एचआरटीसी के अनुसार, इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि राज्य के परिवहन सिस्टम को भी डिजिटल रूप से मजबूत बनाया जा सकेगा।
कौन-कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना के तहत हिमाचल के विभिन्न वर्गों के नागरिक कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। पात्र श्रेणियों में शामिल हैं —
- स्कूली विद्यार्थी (जमा दो), कॉलेजों और मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के छात्र।
- निजी स्कूलों के विद्यार्थी और केंद्रीय विद्यालयों के विद्यार्थी (कक्षा 10+2 तक)।
- राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारी, निगम एवं बोर्डों के कर्मचारी।
- महिलाएं, सशस्त्र बलों के वीरनारियां और विशेष रूप से सक्षम व्यक्ति।
- पुलिस कर्मी (कांस्टेबल से इंस्पेक्टर तक) और जेल विभाग के गैर-राजपत्रित अधिकारी।
- पूर्व विधायक/पूर्व सांसद, स्वतंत्रता सेनानी व उनकी पत्नियां, मान्यता प्राप्त पत्रकार (राज्य व जिला स्तर)।
- एचआरटीसी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की विधवाएं, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक, राज्य पुरस्कार प्राप्त बच्चे (21 वर्ष तक) और कुष्ठ रोगी।
इन सभी पात्र श्रेणियों को रियायती या निशुल्क यात्रा का लाभ केवल हिम बस कार्ड से ही मिलेगा।
कैसे करें हिम बस कार्ड के लिए आवेदन?

आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और इसे एचआरटीसी की आधिकारिक वेबसाइट या पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है।
- सबसे पहले HRTC Portal पर जाएं।
- “Signup for Citizen Login” पर क्लिक कर HIMACCESS ID बनाएं।
- लॉगिन करने के बाद “Him Bus Card Application” सेक्शन में जाएं।
- आवश्यक जानकारी भरें और अपनी श्रेणी के अनुसार दस्तावेज़ अपलोड करें।
- निर्धारित शुल्क ऑनलाइन माध्यम से जमा करें।
यदि आवेदक कार्ड को डाक से मंगवाना चाहते हैं, तो उन्हें ₹56 (जीएसटी सहित) अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इच्छुक व्यक्ति चाहे तो अपना कार्ड एचआरटीसी पास कलेक्शन सेंटर/काउंटर से भी प्राप्त कर सकते हैं।
हिम बस कार्ड का शुल्क और वैधता
- प्रारंभिक शुल्क: ₹200 + जीएसटी (पहले वर्ष की रियायत सहित)
- वार्षिक नवीनीकरण शुल्क (दूसरे वर्ष से): ₹150
- कार्ड गुम या क्षतिग्रस्त होने पर नया कार्ड शुल्क: ₹200
- कार्ड की वैधता: एक वर्ष, जिसे बाद में हर साल नवीनीकृत किया जा सकेगा।
एचआरटीसी के अनुसार, शुल्क समय-समय पर संशोधित किए जा सकते हैं।
यदि पात्र यात्री के पास हिम बस कार्ड नहीं होगा, तो उसे यात्रा के लिए पूरा किराया देना होगा, भले ही वह निशुल्क या रियायती श्रेणी में क्यों न आता हो। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में डिजिटल टिकटिंग प्रणाली का पूर्ण पालन हो और किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो। एचआरटीसी ने बताया कि हिम बस कार्ड प्रणाली को राज्यभर में धीरे-धीरे लागू किया जाएगा। फिलहाल कार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, और जल्द ही इसके लागू होने की आधिकारिक तिथि घोषित की जाएगी।













