झारखंड में छठ पर्व के दौरान अलग-अलग जिलों में डूबने से 11 लोगों की मौत हो गई। हजारीबाग, गढ़वा, सिमडेगा और पलामू में हुई इन घटनाओं में ज्यादातर बच्चे शामिल हैं, जिनमें एक ढाई साल की बच्ची भी थी।
रांची: झारखंड में इस बार का छठ पर्व मातम में बदल गया। राज्य के विभिन्न जिलों से आई खबरों के अनुसार, छठ पूजा के दौरान तालाबों, नदियों और जलाशयों में डूबने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में अधिकांश बच्चे शामिल हैं। घटनाएं हजारीबाग, गढ़वा, सिमडेगा, पलामू और सरायकेला-खरसावां जिलों में दर्ज की गई हैं। प्रशासन ने सभी घटनाओं की जांच शुरू कर दी है और एनडीआरएफ की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं।
छठ पूजा की खुशियों में छाया मातम
रविवार शाम और सोमवार सुबह छठ पर्व के दौरान श्रद्धालु जब स्नान और अर्घ्य देने के लिए घाटों पर पहुंचे, तो कुछ जगहों पर यह आस्था का पर्व हादसे में बदल गया। केवल सोमवार (27 अक्टूबर) को ही पांच बच्चों के डूबने की घटनाएं हुईं, जबकि रविवार को छह अन्य लोगों ने अपनी जान गंवाई।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इन हादसों का मुख्य कारण सुरक्षा इंतज़ामों की कमी और लोगों का अंधाधुंध गहरे पानी में उतरना बताया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में अधिकांश जगहों पर घाटों की बैरिकेडिंग या चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगाए गए थे।
तीन जिलों में मासूमों की दर्दनाक मौत

हजारीबाग जिले के केरेडारी थाना क्षेत्र के बेला गांव में रविवार शाम पूजा के दौरान दो बच्चियां — 11 वर्षीय गुनगुन कुमारी और 12 वर्षीय रूपा तिवारी — तालाब में डूब गईं। मौके पर मौजूद लोग उन्हें बचाने की कोशिश करते रहे, लेकिन देर हो चुकी थी। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
वहीं, गढ़वा में दानरो नदी में सोमवार दोपहर 13 वर्षीय राहुल कुमार नहाते समय गहरे पानी में चला गया और डूब गया। ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया।
सिमडेगा-पलामू में फिर हादसों से मातम
सिमडेगा जिले के बानो थाना क्षेत्र के मयंगसोर गांव में सोमवार को ढाई साल की बच्ची घर में पानी से भरी बाल्टी में डूब गई। यह घटना तब हुई जब बच्ची की दादी कुछ देर के लिए दूसरे कमरे में गई थीं। लौटने पर उन्होंने बच्ची को मृत अवस्था में पाया।
उधर, पलामू जिले के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के विष्णुपुर गांव में सोमवार शाम 16 वर्षीय किशोर नहर में कूदने के बाद लापता हो गया। एनडीआरएफ की टीम ने मंगलवार सुबह से उसकी तलाश फिर शुरू कर दी है।
छठ के दौरान सरायकेला में तीन बहे
सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल थाना क्षेत्र में सोमवार शाम छठ पूजा के दौरान सुवर्णरेखा नदी में 14 वर्षीय आर्यन यादव डूब गया। उसे बचाने के लिए प्रतीक कुमार यादव (19) और संजय सिंह (45) नदी में कूद गए, लेकिन तेज बहाव में दोनों लापता हो गए। एनडीआरएफ की टीम ने आर्यन का शव बरामद कर लिया है, जबकि बाकी दोनों की तलाश जारी है।
इन घटनाओं के बाद प्रशासन ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि छठ जैसे पर्वों पर घाटों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए। फिलहाल, राज्यभर में इन हादसों के बाद शोक की लहर है, और कई परिवारों में छठ की खुशी मातम में बदल गई है।













