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हरिओम वाल्मीकि की हत्या से राजनीतिक तनाव, राहुल-प्रियंका गांधी ने जताया समर्थन

हरिओम वाल्मीकि की हत्या से राजनीतिक तनाव, राहुल-प्रियंका गांधी ने जताया समर्थन

उत्तर प्रदेश में दलित हरिओम वाल्मीकि की पीट-पीटकर हत्या के बाद सियासी माहौल गर्म हो गया। राहुल गांधी ने परिवार से मुलाकात कर न्याय की मांग की, जबकि प्रियंका गांधी ने समर्थन जताया। पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया और कुछ अधिकारियों को निलंबित किया गया।

UP News: उत्तर प्रदेश में दलित हरिओम वाल्मीकि की पीट-पीटकर हत्या के मामले ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रायबरेली में वाल्मीकि के परिवार से मुलाकात की और आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने परिवार को उनसे मिलने से रोकने और धमकाने का प्रयास किया। राहुल गांधी ने कहा कि देशभर में दलितों पर अत्याचार और हिंसा हो रही है और कांग्रेस हर संभव मदद के लिए हमेशा तैयार रहेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए और अपराधियों को संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।

घटना का विवरण

2 अक्टूबर 2025 की रात लगभग 1 बजे, रायबरेली के जमुनापुर गांव के पास हरिओम वाल्मीकि अपनी ससुराल जा रहे थे। ग्रामीणों ने उन्हें चोरी के शक में रोक लिया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह अफवाह फैली थी कि कुछ लोग ड्रोन का उपयोग कर चोरी की निगरानी कर रहे हैं। इस घटना के बाद पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया और दलित समुदाय की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे।

राहुल गांधी का परिवार से संवाद

राहुल गांधी ने परिवार से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा कि सरकार ने परिवार को धमकाया और उनसे मिलने से रोका। उन्होंने जोर देकर कहा कि वाल्मीकि का परिवार किसी अपराध का हिस्सा नहीं था, लेकिन उनके खिलाफ अपराध हुआ।

राहुल गांधी को परिवार ने बताया कि उनके घर से बाहर निकलने पर रोक है और धमकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दलितों के खिलाफ अपराध, हत्याएं और बलात्कार बढ़ रहे हैं और राज्य सरकार को ऐसे मामलों में जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

प्रियंका गांधी का समर्थन

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मामले पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि देशभर में दलितों के खिलाफ अत्याचारों के खिलाफ कांग्रेस खड़ी रहेगी और हर संभव मदद करेगी। उन्होंने पोस्ट किया कि हरिओम वाल्मीकि के परिवार ने कहा कि सरकार ने उन्हें राहुल गांधी से मिलने से रोकने की धमकी दी थी, लेकिन यह महत्वपूर्ण नहीं है। असली मुद्दा अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करना और पीड़ित परिवार की मदद करना है।

परिवार का रुख 

हालांकि, परिवार ने पहले ही सरकारी सहायता पर संतुष्टि जताई थी। वाल्मीकि के छोटे भाई ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री उनके घर आए और उनकी बहन को सरकारी नौकरी सौंपी। परिवार ने स्पष्ट किया कि वे सरकार द्वारा मामले को संभालने से संतुष्ट हैं और किसी राजनीतिक दल के नेताओं से राजनीति करने की अपेक्षा नहीं रखते। वीडियो में परिवार के पास पोस्टर भी दिखाए गए थे, जिन पर लिखा था कि उन्हें राजनीतिक सहानुभूति की आवश्यकता नहीं है, सरकार ने पर्याप्त सहायता दी है।

पुलिस कार्रवाई

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें मुख्य आरोपी भी शामिल है, जिसे 10 अक्टूबर को एक मुठभेड़ में पकड़ा गया था। इसके अलावा, मामले को संभालने में कथित लापरवाही के लिए दो सब-इंस्पेक्टरों समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार लोग विभिन्न जातियों से हैं, जिसमें दलित और पिछड़े समुदाय के लोग भी शामिल हैं। पुलिस ने जनता से अपील की है कि इस घटना को जातिगत दृष्टिकोण से न देखें।

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