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हरियाली तीज पर भूलकर भी न करें ये काम, जानिए किन बातों का रखना है विशेष ध्यान

हरियाली तीज पर भूलकर भी न करें ये काम, जानिए किन बातों का रखना है विशेष ध्यान

हर साल सावन महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन खासकर सुहागिनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। महिलाएं इस दिन व्रत रखकर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में सुख, समृद्धि और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अविवाहित कन्याएं भी इस दिन अच्छे वर की कामना के साथ यह व्रत रखती हैं।

हालांकि धार्मिक ग्रंथों और लोक परंपराओं में हरियाली तीज से जुड़े कुछ ऐसे नियम और परंपराएं बताई गई हैं, जिनका पालन नहीं करने पर व्रत का संपूर्ण फल नहीं मिलता। इसलिए जरूरी है कि व्रतधारी महिलाएं इन नियमों को जानें और उन्हें भूलकर भी न तोड़ें।

व्रत में जल पीना भी व्रत को कर सकता है निष्फल

हरियाली तीज का व्रत निर्जल व्रत होता है। इसका मतलब है कि इस दिन न तो भोजन किया जाता है और न ही जल का सेवन। अगर कोई महिला व्रत का संकल्प लेने के बाद पानी पी लेती है तो इसे व्रत का भंग माना जाता है। ऐसी स्थिति में देवी पार्वती की कृपा प्राप्त नहीं होती और व्रत का फल समाप्त हो जाता है।

व्रत के दिन काले रंग से करें परहेज़

हरियाली तीज के दिन महिलाएं श्रृंगार करती हैं और सुंदर वस्त्र धारण करती हैं। लेकिन इस दिन काले रंग के कपड़े या आभूषण पहनना बेहद अशुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काला रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है। इस दिन हरे, पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि ये रंग सौभाग्य, समृद्धि और मंगल कार्यों के प्रतीक होते हैं।

तामसिक भोजन का घर में भी प्रवेश न हो

हरियाली तीज के दिन न केवल व्रत रखने वाले को बल्कि घर के सभी सदस्यों को सात्विक भोजन करना चाहिए। मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज जैसे तामसिक पदार्थों से दूर रहना चाहिए। मान्यता है कि घर में ऐसी चीज़ों का सेवन होने पर भी व्रती को व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।

पूजा सामग्री मायके से ही लें

इस दिन ससुराल से आई हुई पूजा सामग्री, वस्त्र या श्रृंगार का उपयोग वर्जित माना जाता है। परंपरा के अनुसार इस दिन मायके से मिले कपड़े, बिंदी, चूड़ियां, सिंदूर, मेहंदी आदि का ही इस्तेमाल करना चाहिए। कहा जाता है कि इससे माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं।

मंगलवार को न खरीदें व्रत का सामान

हरियाली तीज का व्रत करने से पहले महिलाएं पूजा का सामान, श्रृंगार की चीजें और कपड़े आदि खरीदती हैं। लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि मंगलवार के दिन यह खरीदारी नहीं करनी चाहिए। धार्मिक दृष्टिकोण से यह अशुभ माना गया है। संभव हो तो व्रत से एक या दो दिन पहले ही सारी सामग्री एकत्र कर लें।

व्रत का पारण मुहूर्त में ही करें

हर व्रत का समापन यानी पारण एक निश्चित समय और विधि से किया जाता है। हरियाली तीज के व्रत का पारण भी खास मुहूर्त में करना जरूरी है। अगर पारण गलत समय पर या जल्दबाजी में किया जाए तो व्रत का संपूर्ण फल नहीं मिलता। इसलिए मुहूर्त की जानकारी पहले से ले लें और उसी के अनुसार पारण करें।

घर में न हो झगड़ा या कड़वे बोल

हरियाली तीज के दिन माहौल पूरी तरह शांत और शुभ होना चाहिए। व्रती को विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वह किसी से झगड़ा न करे, अपशब्द न बोले और नकारात्मक व्यवहार से बचे। कहा जाता है कि इस दिन अगर किसी से कटु वचन बोले जाएं या विवाद हो जाए तो देवी पार्वती अप्रसन्न हो जाती हैं।

श्रृंगार में रखें विशेष सावधानी

हरियाली तीज पर महिलाएं विशेष श्रृंगार करती हैं, लेकिन इस दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। जैसे कि बिना स्नान किए श्रृंगार नहीं करना चाहिए। साथ ही पुराने या फटे हुए कपड़े न पहनें। श्रृंगार करते समय धैर्य और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।

धार्मिक ग्रंथों का पाठ जरूर करें

हरियाली तीज के दिन व्रत करने वाली महिलाओं को इस दिन देवी पार्वती की कथा, शिव पुराण या तीज व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। कथा सुनने या पढ़ने से व्रत की पूर्णता मानी जाती है और धार्मिक लाभ की प्राप्ति होती है।

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