राष्ट्रपति मुर्मू आज धनबाद स्थित IIT ISM के 45वें दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी। इस दौरान 1880 छात्रों को डिग्री मिलेगी और टॉपर प्रियांशु शर्मा को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा।
Jharkhand: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को झारखंड के धनबाद स्थित भारतीय खनन विद्यालय (ISM), जिसे अब IIT (ISM) के नाम से जाना जाता है, के 45वें दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी। इससे एक दिन पहले उन्होंने देवघर स्थित एम्स (AIIMS) के पहले दीक्षांत समारोह में शिरकत की थी। अब धनबाद के इस प्रमुख संस्थान के कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी होने जा रही है।
प्रियांशु शर्मा को मिलेगा राष्ट्रपति स्वर्ण पदक
इस समारोह में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक के छात्र प्रियांशु शर्मा को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा। वे 2024-25 के बैच में टॉप रैंकिंग पर रहे हैं। यह पुरस्कार देश के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाएगा, जो देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी छात्रों को प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
1880 छात्रों को दी जाएगी डिग्री
इस दीक्षांत समारोह में कुल 1,880 छात्रों को विभिन्न विषयों में डिग्रियां दी जाएंगी। ये डिग्रियां स्नातक, परास्नातक और पीएचडी स्तर के छात्रों को प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, समारोह में 37 छात्रों को स्वर्ण पदक, 35 को रजत पदक और 21 को प्रोत्साहन पुरस्कार दिए जाएंगे।
कई गणमान्य हस्तियों की मौजूदगी तय
इस समारोह में कई बड़े नेता और अधिकारी शामिल हो सकते हैं। इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी की संभावना जताई जा रही है। इन सभी की उपस्थिति समारोह को और अधिक गरिमामय बनाएगी।
ISM की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
आईआईटी (ISM), धनबाद की स्थापना 9 दिसंबर 1926 को की गई थी। इसकी स्थापना ब्रिटेन के प्रतिष्ठित रॉयल स्कूल ऑफ माइंस, लंदन की तर्ज पर की गई थी। इसका उद्देश्य भारत में तेजी से उभरते खनन उद्योग के लिए प्रशिक्षित और कुशल पेशेवर तैयार करना था। समय के साथ यह संस्थान न सिर्फ खनन बल्कि कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, सिविल और अन्य इंजीनियरिंग शाखाओं में भी अग्रणी बन चुका है।
आईआईटी (ISM) का बदलता स्वरूप
वर्ष 2016 में इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) का दर्जा प्राप्त हुआ, जिसके बाद यह संस्थान वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हुआ। देश और विदेश में इसके पूर्व छात्र बड़ी तकनीकी कंपनियों, सरकारी संस्थानों और रिसर्च संगठनों में काम कर रहे हैं।