Columbus

Surya Grahan 2025: जानें साल के आखिरी सूर्य ग्रहण की तारीख, समय और सूतक काल

Surya Grahan 2025: जानें साल के आखिरी सूर्य ग्रहण की तारीख, समय और सूतक काल

साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगने जा रहा है, जो खगोलीय, धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह रात 10:59 बजे शुरू होकर अगले दिन सुबह 3:23 बजे तक रहेगा। विशेषज्ञों के अनुसार ग्रहण के दौरान मंत्र जाप और सावधानियां बरतने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

सूर्य ग्रहण 2025: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को भारत समेत कई देशों में दिखाई देने जा रहा है। यह ग्रहण रात 10:59 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर की सुबह 3:23 बजे तक रहेगा। खगोलीय दृष्टि से यह चंद्रमा के पृथ्वी और सूर्य के बीच आने से होता है, जबकि धार्मिक दृष्टि से इसे विशेष महत्व प्राप्त है। भारत में ग्रहण का सूतक सुबह 11 बजे से लागू होगा। इस दौरान श्रद्धालु महामृत्युंजय, गायत्री और सूर्य मंत्र का जाप कर सावधानियां अपनाते हैं ताकि घर और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।

सूर्य ग्रहण 2025 का समय

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात में शुरू होगा। यह ग्रहण 21 सितंबर को रात 10:59 बजे से लेकर 22 सितंबर की सुबह 3:23 बजे तक रहेगा। खगोलीय दृष्टि से निर्धारित इस समय के दौरान विशेष सावधानियां बरतना धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय को देखते हुए श्रद्धालु अपने पूजा स्थलों को तैयार करते हैं और ग्रहण के नियमों के अनुसार अनुष्ठान संपन्न करते हैं।

ग्रहण का यह समय न केवल खगोलीय गणनाओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि धार्मिक परंपराओं के अनुसार भी इस दौरान घर में विशेष सावधानी बरतना जरूरी होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण का यह समय नकारात्मक ऊर्जा को सक्रिय कर सकता है, इसलिए इस अवधि में पूजा और मंत्र जाप करना शुभ माना जाता है।

सूर्य ग्रहण किस राशि और नक्षत्र में लगेगा

साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या के दिन लगने जा रहा है। इस दिन सूर्य कन्या राशि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में स्थित रहेगा। ज्योतिषीय दृष्टि से यह समय विशेष महत्व रखता है। श्रद्धालु इस दौरान धार्मिक अनुष्ठानों और सावधानियों का पालन करते हैं ताकि ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सके।

सर्वपितृ अमावस्या के दिन लगने वाला सूर्य ग्रहण पितरों की श्रद्धांजलि और पूजा के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण के समय किए गए कर्म और मंत्र जाप का असर अधिक होता है। इसलिए इस दिन विशेष सावधानी और विधिपूर्वक पूजा करने की सलाह दी जाती है।

सूर्य ग्रहण का सूतक भारत में मान्य होगा या नहीं?

साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार रात के समय लग रहा है। इसलिए भारत में इसका सूतक आधिकारिक रूप से मान्य नहीं होगा। हालांकि धार्मिक जानकारों के अनुसार, भले ही सूतक कानूनी दृष्टि से मान्य न हो, फिर भी ग्रहण से जुड़ी सावधानियां बरतना जरूरी है।

सामान्य परंपरा के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले शुरू होकर ग्रहण समाप्त होने पर खत्म होता है। इस हिसाब से 21 सितंबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक सुबह 11 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर की सुबह 3:23 बजे तक रहेगा। यह समय श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण होता है और इस दौरान पूजा, भोजन और अन्य अनुष्ठानों में सावधानी बरतना सलाह दी जाती है।

सूर्य ग्रहण कहां दिखाई देगा

21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण न्यूजीलैंड, टोंगा और फिजी में प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकेगा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में भी यह ग्रहण दृश्य होगा। खगोलीय विशेषज्ञों के अनुसार, यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखाई देने वाला एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है।

इस ग्रहण की दृश्यता के लिए खगोल विज्ञान में सटीक गणनाएं की गई हैं। अंतरराष्ट्रीय खगोलविदों के अनुसार, ग्रहण का यह पैटर्न विशेष रूप से प्रशांत और अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। वहीं भारत में यह प्रत्यक्ष रूप से नहीं दिखेगा, लेकिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से इसका महत्व बना रहेगा।

ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का जप करना शुभ

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय हो जाती है। ऐसे समय में कुछ विशेष मंत्रों का जप करना शुभ माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र और सूर्य मंत्र का जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और ग्रहण के प्रभावों से सुरक्षा मिलती है।

महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।

गायत्री मंत्र:
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात।

सूर्य मंत्र:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।

मंत्रों का जाप श्रद्धालु ग्रहण के समय घर या पूजा स्थल में कर सकते हैं। इसके साथ ही, ग्रहण के दौरान भोजन, जल और अन्य क्रियाओं में सावधानी बरतना जरूरी होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए बल्कि घर और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए भी लाभकारी है।

ग्रहण के दौरान सावधानियां

सूर्य ग्रहण के दौरान धार्मिक परंपरा में कई सावधानियों का पालन करने की सलाह दी जाती है। इनमें प्रमुख हैं:

  • ग्रहण के समय भोजन न करना और पानी न पीना।
  • बच्चों और बुजुर्गों को सूर्य ग्रहण के समय विशेष सुरक्षा देना।
  • घर और पूजा स्थल को साफ रखना।
  • मंत्र जाप और ध्यान करना।
  • ग्रहण समाप्त होने के बाद ही भोजन या अन्य दैनिक गतिविधियां शुरू करना।

विशेषज्ञों का कहना है कि ये सावधानियां ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बचाने में मदद करती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखती हैं।

Leave a comment