इंडिया गठबंधन की अगली बैठक 7 अगस्त को होगी जिसमें SIR प्रक्रिया, संसद रणनीति और उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा होगी। राहुल गांधी ने डिनर बैठक का न्योता दिया है।
India Alliance Meeting: इंडिया गठबंधन की अगली बड़ी बैठक 7 अगस्त को बुलाई गई है, जिसमें सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेता शामिल हो सकते हैं। यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद करीब एक साल का समय बीत चुका है और विपक्ष संसद में सरकार को घेरने की लगातार कोशिश कर रहा है। इससे पहले गठबंधन की पिछली बैठक 19 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई थी। उस बैठक में संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार के खिलाफ साझा रणनीति पर चर्चा हुई थी।
राहुल गांधी के आवास पर डिनर मीटिंग
सूत्रों के अनुसार, 7 अगस्त को होने वाली यह बैठक कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नए सरकारी आवास, 5 सुनहरी बाग रोड, पर डिनर मीटिंग के रूप में आयोजित की जाएगी। राहुल गांधी ने इस मीटिंग के लिए सहयोगी दलों के सभी प्रमुख नेताओं को आमंत्रण भेजा है।
मुख्य एजेंडा: वोटरलिस्ट पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR)
इस बैठक का एक प्रमुख एजेंडा चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई विशेष सघन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि इस प्रक्रिया के जरिए वोटरलिस्ट में अनियमितताएं हो रही हैं और इससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।
इंडिया गठबंधन के सांसद इस मुद्दे पर संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार और चुनाव आयोग मिलकर वोटरलिस्ट में हेरफेर कर सकते हैं। इसी सिलसिले में 8 अगस्त को विपक्षी सांसद संसद भवन से चुनाव आयोग तक एक मार्च निकालने की भी योजना बना रहे हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव पर भी होगी चर्चा
इस बैठक में उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी रणनीति तैयार की जा सकती है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इंडिया गठबंधन इस चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार उतार सकता है। हालांकि, इस बात की संभावना कम है कि विपक्षी उम्मीदवार चुनाव जीत पाएंगे क्योंकि आंकड़े सत्तापक्ष के पक्ष में हैं। इसके बावजूद विपक्ष चुनाव में अपनी एकजुटता और मौजूदगी दर्शाना चाहता है।
पिछली बैठक और नेताओं की भागीदारी
19 जुलाई को हुई पिछली बैठक में आम आदमी पार्टी को छोड़ सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए हुई थी। हालांकि, उस बैठक में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और डीएमके नेता एम.के. स्टालिन व्यक्तिगत रूप से मौजूद नहीं थे।
इस बार देखने वाली बात यह होगी कि राहुल गांधी के आमंत्रण पर कौन-कौन नेता 7 अगस्त को दिल्ली पहुंचते हैं। टीएमसी के सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी की जगह पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी इस बैठक में हिस्सा ले सकते हैं।
राजनीतिक समीकरणों की दृष्टि से अहम बैठक
इस बैठक को 2026 के उपराष्ट्रपति चुनाव और 2029 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिहाज़ से एक अहम कदम माना जा रहा है। विपक्षी दल चाहते हैं कि वे केंद्र सरकार के खिलाफ एक संगठित और ठोस रणनीति बनाएं, जिसमें चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के साथ-साथ जनहित के मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह बनाया जा सके।
संभावित विषय और साझा एजेंडा
- वोटरलिस्ट की विश्वसनीयता और SIR प्रक्रिया पर सवाल
- संसद में सरकार के खिलाफ विपक्ष की संयुक्त रणनीति
- उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार की घोषणा
- मीडिया, न्यायपालिका और संवैधानिक संस्थाओं की स्वतंत्रता पर विमर्श
- राज्यों में विधानसभा चुनावों को लेकर साझा अभियान योजना