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I.N.D.I.A की नई रणनीति से गरमाई आंध्र प्रदेश की राजनीति, टीडीपी ने एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन का किया समर्थन

I.N.D.I.A की नई रणनीति से गरमाई आंध्र प्रदेश की राजनीति, टीडीपी ने एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन का किया समर्थन

उपराष्ट्रपति चुनाव में I.N.D.I.A ने बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर नई रणनीति अपनाई। आंध्र प्रदेश की राजनीति में अटकलें तेज हुईं लेकिन टीडीपी ने एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का समर्थन करने का ऐलान कर दिया।

Vice President Election 2025: उपराष्ट्रपति पद का चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प हो गया है। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। उनके नाम की घोषणा के बाद आंध्र प्रदेश की राजनीति में अटकलों का दौर शुरू हो गया कि क्या टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू विपक्ष का साथ देंगे या अपने सहयोगी गठबंधन एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को समर्थन देंगे।

सुदर्शन रेड्डी के नाम पर बढ़ी चर्चा

जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी का नाम सामने आते ही आंध्र प्रदेश में चर्चा तेज हो गई। विपक्ष को उम्मीद थी कि आंध्र प्रदेश में जन्मे रेड्डी की उम्मीदवारी से टीडीपी दबाव में आ जाएगी। स्थानीय उम्मीदवार का मुद्दा हमेशा यहां की राजनीति में असर डालता रहा है। यही वजह रही कि नायडू की अगली चाल को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं।

टीडीपी का रुख साफ

इन अटकलों के बीच टीडीपी ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया। आंध्र प्रदेश सरकार में मंत्री और टीडीपी महासचिव नारा लोकेश ने एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर साफ संदेश दिया कि एनडीए एकजुट है और टीडीपी अपने सहयोगी उम्मीदवार का ही समर्थन करेगी। इसके साथ ही यह साफ हो गया कि विपक्ष की उम्मीदें पूरी नहीं हो पाई हैं।

विपक्ष की रणनीति

एनडीए और I.N.D.I.A दोनों ने ही इस चुनाव में साउथ का कार्ड खेला है। एनडीए ने राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाकर डीएमके को असहज करने की कोशिश की। वहीं विपक्ष ने सुदर्शन रेड्डी को सामने लाकर टीडीपी को दुविधा में डालने की कोशिश की। विपक्ष की यह रणनीति तेलुगु भाषी दलों का समर्थन जुटाने के मकसद से बनाई गई थी।

डीएमके और टीडीपी की स्थिति

जैसे डीएमके के सामने सवाल था कि क्या वह तमिलनाडु के राधाकृष्णन का विरोध करेगी, वैसे ही टीडीपी भी दबाव में थी। लेकिन दोनों ही पार्टियों ने राजनीतिक गठबंधन को प्राथमिकता दी। डीएमके ने साफ किया था कि वे राधाकृष्णन को केवल स्थानीय उम्मीदवार के तौर पर नहीं बल्कि राजनीति के नजरिए से देख रहे हैं। अब टीडीपी ने भी यही रुख अपनाते हुए एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।

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