केएल राहुल ने इंग्लैंड दौरे पर 375 रन बनाकर सबको प्रभावित किया है। पूर्व कोच रवि शास्त्री ने उनकी सफलता का श्रेय बदली तकनीक और बेहतर डिफेंस को दिया। शास्त्री के अनुसार, राहुल की निरंतरता और मानसिक मजबूती उन्हें भविष्य में भारत का मुख्य बल्लेबाज बना सकती है।
Ravi Shastri: भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में भारतीय क्रिकेटर केएल राहुल ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया है। इस दौरे पर उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में दो शतक और एक अर्धशतक की मदद से 375 रन बना लिए हैं। उनकी इस धमाकेदार फॉर्म के पीछे क्या राज है, इसका खुलासा भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने किया है।
रवि शास्त्री के अनुसार, राहुल की सफलता का असली रहस्य उनकी बदली हुई तकनीक और मानसिकता में छिपा है। उन्होंने कहा कि केएल राहुल हमेशा से प्रतिभावान बल्लेबाज रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने अपनी तकनीक में ऐसा बदलाव किया है, जिससे उनका खेल और भी बेहतर हो गया है।
इंग्लैंड की चुनौतियों में राहुल का आत्मविश्वास
इंग्लैंड की पिचों पर बल्लेबाजी करना किसी चुनौती से कम नहीं होता। वहां की परिस्थितियां, तेज़ गेंदबाज़ और स्विंग लेती गेंदें दुनिया के कई बल्लेबाजों को परेशानी में डाल देती हैं। ऐसे में केएल राहुल का इस सीरीज में लगातार रन बनाना एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। राहुल ने न केवल रन बनाए, बल्कि उन्हें जिस तरह से बनाया, वह भारतीय क्रिकेट के लिए उत्साहजनक संकेत है। उनके शॉट सिलेक्शन, धैर्य और बॉल को समझने की क्षमता में जबरदस्त सुधार देखा गया है।
फ्रंटफुट तकनीक में बदलाव ने बदला खेल
रवि शास्त्री ने ICC रिव्यू के दौरान बताया कि राहुल ने खासतौर पर अपनी फ्रंटफुट तकनीक में बदलाव किया है। पहले जहां राहुल अक्सर तेज गेंदों पर फंस जाते थे, वहीं अब उन्होंने अपने डिफेंस को इतना मजबूत कर लिया है कि वे स्विंग लेती गेंदों का आत्मविश्वास से सामना कर रहे हैं। 'राहुल अब फ्रंटफुट पर बेहतर तरीके से खेल रहे हैं। उनका डिफेंस पहले से मजबूत हुआ है। इसका असर ये हुआ है कि वे अब कम बार बोल्ड या एलबीडब्ल्यू हो रहे हैं, 'शास्त्री ने कहा। यह बदलाव सिर्फ तकनीक तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनके आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती में भी साफ नजर आता है।
लगातार रन बनाने की चुनौती पर किया काबू
पिछले कुछ वर्षों में राहुल की प्रतिभा पर सवाल नहीं उठे, लेकिन उनकी निरंतरता जरूर चिंता का विषय रही। कभी वे एक मैच में शतक बनाते, फिर अगले चार मैचों में फ्लॉप हो जाते। यही कारण था कि आलोचक उन्हें 'अनफिनिश्ड टैलेंट' कहने लगे थे। लेकिन इस इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने उस सोच को गलत साबित कर दिया है। उन्होंने लगातार तीन मैचों में शानदार प्रदर्शन कर यह साबित कर दिया कि वे अब सिर्फ टैलेंटेड खिलाड़ी नहीं, बल्कि परिपक्व बल्लेबाज बन चुके हैं।
आंकड़ों में भी दिखी चमक
राहुल ने अब तक तीन मैचों में 375 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और एक अर्धशतक शामिल है। उनका औसत इस सीरीज में 62.5 के आसपास रहा है, जो इंग्लैंड जैसी पिचों पर शानदार माना जाता है। इस प्रदर्शन के बाद वो सीरीज में चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। अगर वे अपनी इस लय को बनाए रखते हैं, तो निश्चित रूप से वो सीरीज के टॉप स्कोरर भी बन सकते हैं।
अगले 3-4 साल राहुल के हो सकते हैं: शास्त्री
शास्त्री का मानना है कि अगर राहुल इसी तरह से खेलते रहे, तो आने वाले तीन-चार साल उनके करियर के सबसे शानदार साल साबित हो सकते हैं। 'अगर राहुल इसी लय में बने रहे तो उनका टेस्ट औसत 50 के करीब पहुंच सकता है। और वे आने वाले वर्षों में भारत के लिए कई यादगार पारियां खेल सकते हैं,' – रवि शास्त्री।
मानसिकता में परिपक्वता
क्रिकेट में तकनीक जितनी जरूरी होती है, उतनी ही मानसिक मजबूती भी। केएल राहुल ने अब खुद को मानसिक रूप से भी काफी मजबूत बना लिया है। अब वह सिर्फ शॉट खेलने के लिए नहीं, बल्कि टीम को संभालने और हालात के हिसाब से खेल को आगे बढ़ाने के लिए उतरते हैं। राहुल की बॉडी लैंग्वेज, मैदान पर उनकी उपस्थिति और साथी खिलाड़ियों के साथ उनका तालमेल भी साफ दर्शाता है कि वह अब एक जिम्मेदार बल्लेबाज बन चुके हैं।