भारत की अग्रणी आईवियर ब्रांड लेंसकार्ट ने अपने आईपीओ (Initial Public Offering) से पहले एक अहम रणनीतिक कदम उठाया है। कंपनी ने अपने कॉर्पोरेट ढांचे में बदलाव करते हुए नाम में प्राइवेट लिमिटेड को हटाकर अब खुद को लेंसकार्ट सॉल्यूशंस लिमिटेड के रूप में रजिस्टर करवा लिया है।
Initial Public Offerin: भारत की प्रमुख चश्मा निर्माता कंपनी लेंसकार्ट ने हाल ही में बड़ा कदम उठाते हुए अपना नाम बदल लिया है और अब यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गई है। इससे पहले कंपनी का नाम “लेंसकार्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड” था, जिसे अब बदलकर “लेंसकार्ट सॉल्यूशंस लिमिटेड” कर दिया गया है। इस बदलाव का उद्देश्य कंपनी को आगामी आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव) के लिए तैयार करना है, जो वित्तीय बाजार में कंपनी की मजबूत स्थिति को दर्शाता है।
पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनने के मायने और भविष्य की योजना
लेंसकार्ट के शेयरधारकों की हालिया बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कंपनी पब्लिक लिमिटेड में परिवर्तित होगी। इसके बाद ही कंपनी सार्वजनिक निवेशकों से पूंजी जुटाने के लिए आईपीओ पेश कर सकती है। लेंसकार्ट करीब 8600 करोड़ रुपये यानी लगभग 1 अरब डॉलर के आईपीओ की योजना बना रही है। इस फंडिंग के जरिए कंपनी की वैल्यूएशन करीब 10 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो पिछले वित्तीय दौर की तुलना में लगभग दोगुनी है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस आईपीओ से लेंसकार्ट को बाजार में अपनी पकड़ और विस्तार दोनों के लिए मजबूत पूंजी मिलेगी। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक या अगले वर्ष की शुरुआत में लेंसकार्ट का आईपीओ हो सकता है।
कंपनी की वर्तमान वैल्यूएशन और फंडिंग का इतिहास
गुरुग्राम स्थित लेंसकार्ट ने जून 2024 में 200 मिलियन डॉलर की बड़ी फंडिंग हासिल की थी। उस दौर में कंपनी की कुल वैल्यूएशन लगभग 5 अरब डॉलर थी। सिंगापुर के प्रमुख सॉवरेन फंड टेमासेक और अमेरिकी वित्तीय कंपनी फिडेलिटी इस फंडिंग के मुख्य निवेशक रहे। इसके अतिरिक्त, जुलाई 2024 में लेंसकार्ट के संस्थापक और प्रबंधन टीम के सदस्यों पीयूष बंसल, नेहा बंसल, अमित चौधरी और सुमीत कपाही ने कंपनी में लगभग 20 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त निवेश किया, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति और मजबूत हुई। अब तक, कंपनी ने कुल मिलाकर लगभग 2 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जिसमें सेकेंडरी सेल्स भी शामिल हैं।
कारोबार का विस्तार और उत्पादन क्षमता
लेंसकार्ट हर साल लगभग 1 अरब डॉलर का कारोबार करता है। इसके उत्पादन का दायरा भी बेहद बड़ा है — कंपनी प्रति वर्ष लगभग 2.5 करोड़ चश्मे के फ्रेम और 3 से 4 करोड़ लेंस बनाती है। भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के 2,500 से अधिक स्टोर्स के माध्यम से लेंसकार्ट ने खुद को प्रमुख रिटेलर के रूप में स्थापित किया है। साथ ही, कंपनी ऑनलाइन माध्यम से भी चश्मों की बिक्री करती है, जिससे इसके ग्राहकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।
सॉफ्टबैंक की भागीदारी और बाजार में स्थिति
लेंसकार्ट सॉफ्टबैंक की रणनीतिक मदद से अन्य प्रगतिशील कंपनियों की श्रेणी में शामिल हो चुका है, जो आईपीओ की तैयारी कर रही हैं। इन कंपनियों में Shiprocket, Zetwerk, PhysicsWallah, Infra.Market, Boat, और Bluestone जैसी बड़ी फर्में शामिल हैं। सॉफ्टबैंक का सहयोग लेंसकार्ट को वैश्विक मानकों के अनुसार कारोबारी रणनीतियों को अपनाने में मदद कर रहा है, जिससे कंपनी के लिए नए अवसर खुल रहे हैं।
वित्तीय प्रदर्शन में सुधार और नुकसान में कमी
लेंसकार्ट के वित्तीय आंकड़े भी इसके तेजी से बढ़ते व्यवसाय का परिचायक हैं। FY24 (वित्तीय वर्ष 2023-24) में कंपनी का नुकसान महज 10 करोड़ रुपये तक सिमट गया, जो FY23 में 64 करोड़ रुपये था। कंपनी ने बताया कि इसका मुख्य कारण तकनीकी उन्नयन और कार्य प्रणाली में सुधार है, जिससे परिचालन लागत कम हुई और दक्षता बढ़ी।
आय के मामले में भी लेंसकार्ट ने 43% की वृद्धि दर्ज की है। FY24 में कंपनी की कुल आय 5,428 करोड़ रुपये रही। साथ ही, EBITDA दोगुना होकर 856 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो लाभप्रदता की ओर बड़ा कदम है।
आईपीओ के बाद क्या बदलाव होंगे?
विश्लेषकों का मानना है कि आईपीओ से लेंसकार्ट को जो पूंजी मिलेगी, उससे वह नई टेक्नोलॉजी, उत्पादन क्षमता और मार्केटिंग में निवेश कर सकेंगे। साथ ही, कंपनी अपने अंतरराष्ट्रीय विस्तार की योजना भी बना रही है, खासकर दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोपीय बाजारों में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए। कंपनी की योजना है कि वह अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को और उन्नत बनाए, ताकि ग्राहकों को बेहतर अनुभव मिल सके और वितरण प्रणाली को और प्रभावी बनाया जा सके।
कब खरीद सकेंगे निवेशक लेंसकार्ट के शेयर?
जैसे ही लेंसकार्ट का आईपीओ बाजार में आएगा, आम निवेशक इसके शेयर खरीद सकेंगे। कंपनी के पब्लिक लिमिटेड बनने और आवश्यक फाइलिंग पूरी करने के बाद सेबी (सेcurities and Exchange Board of India) द्वारा अनुमति मिलने के बाद आईपीओ शुरू होगा। इस वर्ष के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में लेंसकार्ट के शेयर बाजार में आने की संभावना जताई जा रही है, जिसके बाद निवेशक अपनी पसंद और वित्तीय योजना के अनुसार इस तेजी से बढ़ती कंपनी में निवेश कर सकते हैं।