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Israel-Hamas Corpse War: “लाश युद्ध” पर भड़का इजरायल, 30 फिलिस्तीनियों के शव लौटाने से बढ़ा तनाव

Israel-Hamas Corpse War: “लाश युद्ध” पर भड़का इजरायल, 30 फिलिस्तीनियों के शव लौटाने से बढ़ा तनाव

इजरायल-हमास संघर्ष में अब “लाश युद्ध” शुरू हो गया है। हमास ने दो इजरायली बंधकों के शव लौटाए, तो इजरायल ने 30 फिलिस्तीनियों के शव सौंपे। इस अदला-बदली से गाजा में फिर तनाव और हिंसा का खतरा बढ़ गया है।

Israel-Hamas Corpse War: इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में अब एक नया अध्याय जुड़ गया है, जिसे कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ “लाश युद्ध” कह रहे हैं। हाल ही में गाजा स्थित हमास ने दो मृत इजरायली बंधकों के शव लौटाए, जिसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई के तहत 30 फिलिस्तीनियों के शव सौंप दिए। यह घटना उस समय हुई है जब दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम (Ceasefire) लागू है।

शवों की अदला-बदली से बढ़ा तनाव

गाजा के अस्पताल अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इजरायली सेना ने 30 फिलिस्तीनियों के शव लौटाए हैं। यह सौदा तब हुआ जब हमास ने दो इजरायली नागरिकों के शव इजरायल को लौटाए थे। इस कदम को दोनों पक्षों के बीच बढ़ती राजनीतिक और भावनात्मक खींचतान का प्रतीक माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह अदला-बदली केवल मानवता का मामला नहीं, बल्कि कूटनीतिक दबाव का भी हिस्सा है।

इजरायल की नाराजगी का कारण

इजरायल पहले ही हमास के रवैये से नाराज है। पिछले दिनों जब इजरायली सेना ने गाजा में एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया था, तब उसका मुख्य उद्देश्य बंधकों को सुरक्षित वापस लाना था। लेकिन हमास ने कई बंधकों को मृत अवस्था में लौटाया या उनके अवशेष भेजे। इससे इजरायल के भीतर आक्रोश बढ़ा। इजरायली मीडिया के मुताबिक, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास पर जानबूझकर विलंब करने और मानवीय समझौते की अवहेलना करने का आरोप लगाया है।

हमास की रणनीति पर उठे सवाल

हमास की ओर से लगातार बंधकों के शव लौटाने की कार्रवाई को इजरायल “मानवता के नाम पर राजनीति” बता रहा है। गाजा के स्थानीय सूत्रों का कहना है कि हमास इस कदम के जरिए अंतरराष्ट्रीय दबाव को कम करना चाहता है और यह दिखाना चाहता है कि वह युद्धविराम की शर्तों का पालन कर रहा है। हालांकि, इजरायल का दावा है कि यह सिर्फ दिखावे की कार्रवाई है और हमास अब भी कई बंधकों को कैद में रखे हुए है।

युद्धविराम के बावजूद स्थिति तनावपूर्ण

हाल ही में घोषित दूसरे युद्धविराम के बावजूद इजरायल और हमास के बीच स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर शर्तें तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। दस अक्टूबर को घोषित युद्धविराम का उद्देश्य अब तक चले सबसे भीषण संघर्ष को रोकना था। इस युद्ध में हजारों नागरिकों की मौत हो चुकी है और गाजा का बड़ा इलाका खंडहर बन चुका है।

इजरायल का कड़ा रुख जारी

इजरायली सेना ने स्पष्ट किया है कि जब तक सभी बंधकों को सुरक्षित वापस नहीं लाया जाता, तब तक हमास पर दबाव बनाए रखा जाएगा। सेना प्रवक्ता के अनुसार, “हम मानवीय सौदों का सम्मान करते हैं, लेकिन हमास की हर हरकत का जवाब देंगे। यदि वह शव लौटाकर दबाव बनाना चाहता है, तो हम भी वैसी ही कार्रवाई करेंगे।”

गाजा में फिर से बढ़ सकता है हिंसा का खतरा

स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, गाजा में इस शव अदला-बदली के बाद माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है। कई इलाकों में फिलिस्तीनी नागरिक इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ विरोध जता रहे हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने दोनों पक्षों से अपील की है कि शवों को “राजनीतिक हथियार” के रूप में इस्तेमाल न किया जाए।

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