भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मिशन गगनयान की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसरो ने गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली (Service Module Propulsion System - SMPS) का अल्प अवधि हॉट टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
महेंद्रगिरि: भारत के पहले मानव अंतरिक्ष अभियान गगनयान मिशन की तैयारियों में इसरो (ISRO) ने एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर लिया है। 3 जुलाई 2025 को तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रणोदन परिसर (IPRC) में गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली (SMPS) का हॉट टेस्ट सफलतापूर्वक किया गया। इस परीक्षण ने न केवल इसरो की तकनीकी क्षमता को प्रमाणित किया, बल्कि मिशन की विश्वसनीयता और सुरक्षा को लेकर भी भरोसा बढ़ाया है।
दो चरणों में हुआ परीक्षण
इसरो ने इस हॉट टेस्ट को दो चरणों में पूरा किया। पहले चरण में 30 सेकंड और दूसरे में 100 सेकंड तक प्रणोदन प्रणाली को सक्रिय किया गया। इन परीक्षणों का उद्देश्य था SMPS की रीयल-टाइम स्थिति में परफॉर्मेंस को परखना। 100 सेकंड के लंबे परीक्षण में 5 लिक्विड एपोजी मोटर (LAM) और 16 रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) थ्रस्टर को सक्रिय किया गया, जिसमें दोनों प्रणालियों ने स्थिर और स्पंदित मोड में शानदार प्रदर्शन किया। यह टेस्ट गगनयान के ऑर्बिटल कंट्रोल और इमरजेंसी रेस्क्यू ऑपरेशनों की वास्तविक स्थिति का सटीक अनुकरण था।
कौन-से इंजन हैं SMPS में और क्यों हैं ये महत्वपूर्ण?
गगनयान का सर्विस मॉड्यूल स्पेसक्राफ्ट का वह हिस्सा होता है जो मानवयुक्त कैप्सूल को अंतरिक्ष में सही दिशा में ले जाने, कक्षा में स्थिर रखने और मिशन समाप्ति पर वापसी की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाता है। इसमें लगे हैं:
- 5 लिक्विड एपोजी मोटर (LAM) – हर एक की थ्रस्ट क्षमता 440N है।
- 16 RCS थ्रस्टर – हर एक की थ्रस्ट क्षमता 100N है।
इन दोनों प्रणालियों की मदद से स्पेसक्राफ्ट को दिशा देने, कक्षा में स्थानांतरित करने और आपात स्थिति में नियंत्रण बनाए रखने की क्षमता मिलती है।
परीक्षण से पहले किए गए सुधार और उनका महत्व
पिछले हॉट टेस्ट से मिले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए इस बार टेस्ट कंडीशन को ज्यादा वास्तविक बनाया गया। SMPS परीक्षण आलेख में सुधार कर उड़ान के करीब परिस्थितियों का अनुकरण किया गया। यह सुनिश्चित करता है कि असल मिशन में प्रणाली ठीक उसी तरह से काम करे जैसी प्रयोगशाला में की गई परख के दौरान की थी।
ISRO की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि इस सफल परीक्षण के बाद अब अगला कदम पूर्ण अवधि का हॉट टेस्ट है, जिसमें पूरे मिशन की अवधि को कवर करते हुए प्रणोदन प्रणाली को परखा जाएगा। इसके लिए अंतरिक्ष वैज्ञानिक SMPS की वास्तविक उड़ान स्थितियों का पुनरुत्पादन करेंगे, जिससे गगनयान मिशन के लॉन्च से पहले अंतिम मंजूरी दी जा सके।