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ईरान पर इजरायल-अमेरिका का संयुक्त हमला, नेतन्याहू बोले- 'शक्ति के बिना शांति नहीं संभव'

ईरान पर इजरायल-अमेरिका का संयुक्त हमला, नेतन्याहू बोले- 'शक्ति के बिना शांति नहीं संभव'

नेतन्याहू ने ट्रंप से मुलाकात के बाद कहा कि ईरान पर अमेरिका-इज़रायल का संयुक्त हमला एक "गेम-चेंजर" है। उन्होंने ‘पहले शक्ति, फिर शांति’ को इज़रायल की रणनीति बताया और अमेरिका-इज़रायल संबंधों को ऐतिहासिक रूप से सबसे मजबूत बताया।

Netanyahu or Donald Trump: नेतन्याहू इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका में अपने पुराने राजनीतिक मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद ईरान को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और इज़रायल का ईरान पर संयुक्त हमला एक 'गेम-चेंजर' सिद्ध हुआ है, जिससे पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र की कूटनीति, सामरिक समीकरण और स्थिरता की दिशा बदल गई है। नेतन्याहू ने यह बयान अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर माइक जॉनसन से मुलाकात के बाद जारी किया, जिसमें उन्होंने ‘पहले शक्ति, फिर शांति’ को इज़रायल की नई सुरक्षा नीति का आधार बताया।

ट्रंप से दूसरी अहम मुलाकात, रणनीति पर बनी सहमति

प्रधानमंत्री नेतन्याहू की डोनाल्ड ट्रंप से यह दूसरी अहम मुलाकात थी, जो व्हाइट हाउस में मंगलवार को हुई। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में ईरान के परमाणु कार्यक्रम, गाज़ा युद्ध, युद्धविराम की संभावनाओं और भविष्य की सामरिक रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप और मैं इस बात पर सहमत हैं कि जब तक ईरान जैसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद को समर्थन देते रहेंगे, तब तक सच्ची शांति संभव नहीं है। पहले शक्ति दिखानी होगी, तभी शांति स्थायी हो सकती है।'

‘गेम-चेंजर’ हमला और कमजोर होता ईरान

नेतन्याहू ने दावा किया कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका और इज़रायल का हालिया संयुक्त हमला केवल सामरिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की दिशा बदलने वाला निर्णय था। उन्होंने कहा, 'हमारे 12 दिन चले सामरिक ऑपरेशन ने ईरानी हुकूमत को दशकों में पहली बार सबसे कमजोर स्थिति में ला दिया है।' इज़रायली खुफिया एजेंसी मोसाद और अमेरिकी सीआईए की साझा जानकारी के आधार पर हुआ यह हमला ईरान के दो परमाणु अनुसंधान केंद्रों और एक भूमिगत हथियार डिपो को निशाना बनाकर किया गया था। इसकी पुष्टि आधिकारिक रूप से नहीं की गई, लेकिन वॉशिंगटन पोस्ट और हारेत्ज़ जैसे मीडिया संस्थानों ने इसे 'नाजुक लेकिन निर्णायक हमला' बताया है।

अमेरिका-इज़रायल साझेदारी: अब पहले से कहीं ज्यादा मज़बूत

इज़रायली प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि वॉशिंगटन और येरुशलम के बीच सहयोग अपने 'इतिहास के सबसे उच्चतम स्तर' पर है। नेतन्याहू ने ट्रंप को 'ईमानदार मित्र' कहते हुए कहा, 'जब अमेरिका और इज़रायल साथ खड़े होते हैं, तो परिणाम असाधारण होते हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन के सहयोग से इज़रायल न केवल सामरिक तौर पर सुरक्षित हुआ है, बल्कि पूरे मध्य पूर्व में ‘शांति की एक नई शुरुआत’ की संभावनाएं खुली हैं।

गाज़ा युद्ध पर भी रखी बात

प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि गाज़ा में युद्धविराम के प्रयास जारी हैं और बचे हुए बंधकों की रिहाई के लिए कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि ट्रंप की कैबिनेट के मध्य पूर्व विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ इस मामले में हमास से मध्यस्थता कर रहे हैं।माना जा रहा है कि इस सप्ताह के अंत तक इज़रायल और हमास के बीच संभावित युद्धविराम समझौता सामने आ सकता है। यह जानकारी गाज़ा संघर्ष के कूटनीतिक हल के लिहाज़ से अहम मानी जा रही है।

अमेरिकी जनसमर्थन में गिरावट, लेकिन नेतन्याहू आश्वस्त

हाल ही में क्विनिपियाक यूनिवर्सिटी के एक सर्वे में यह सामने आया कि इज़रायल के लिए अमेरिकी जनसमर्थन 2017 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। सर्वे के मुताबिक, केवल 5% अमेरिकियों का मानना है कि अमेरिका को इज़रायल का और अधिक समर्थन करना चाहिए, जबकि 42% का कहना है कि अमेरिका बहुत अधिक समर्थन दे रहा है। हालांकि नेतन्याहू ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'एक बार जब लोग सच्चाई और तथ्यों से रूबरू होते हैं, तो जीत हमेशा हमारी होती है। अमेरिकी नेतृत्व का विश्वास हमारे साथ है, यही सबसे बड़ी बात है।'

'शक्ति के बिना शांति नहीं'—नई इज़रायली रणनीति

नेतन्याहू ने दोहराया कि इज़रायल अब अपनी नीतियों को 'आक्रामक सुरक्षा सिद्धांत' के तहत आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि शक्ति के बिना कोई भी समझौता टिकाऊ नहीं हो सकता। ईरान को रोकना, उसके परमाणु कार्यक्रम को विफल करना और क्षेत्रीय आतंकी नेटवर्क को कमजोर करना हमारी प्राथमिकताएं हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'हम एक ऐसे युग की ओर बढ़ रहे हैं जहां सुरक्षा ही शांति का पहला चरण होगी। इस मार्ग पर अमेरिका के साथ हमारा साझा संकल्प, पूरी दुनिया के लिए एक संदेश है।'

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