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लखनऊ में सीएम योगी का बड़ा फैसला: UPSRTC कर्मचारियों को मिला हजारों का बोनस

लखनऊ में सीएम योगी का बड़ा फैसला: UPSRTC कर्मचारियों को मिला हजारों का बोनस

उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महाकुंभ के समापन के समय किए गए वादे को पूरा कर दिखाया है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान ड्यूटी पर तैनात परिवहन विभाग के करीब 25 हजार ड्राइवरों और कंडक्टरों को 10-10 हजार रुपये का बोनस दिया गया है। सरकार ने इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) को कुल 24 करोड़ 71 लाख रुपये की राशि जारी की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह ऐलान महाकुंभ की समाप्ति के दौरान किया था। उन्होंने कहा था कि महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में सेवा देने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। उसी वादे को निभाते हुए अब यह राशि सीधे कर्मचारियों के खाते में भेज दी गई है।

ड्राइवर-कंडक्टरों को मिला सम्मान

मंगलवार को परिवहन विभाग की ओर से बोनस राशि का वितरण किया गया। इसमें 11,786 ड्राइवरों और 12,285 कंडक्टरों को 10-10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने इस मौके पर कहा कि इस तरह की प्रोत्साहन योजनाएं न केवल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाती हैं, बल्कि उन्हें और बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रेरित भी करती हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ जैसे आयोजन में इन कर्मचारियों की भूमिका बेहद अहम रही है, जिन्होंने लाखों श्रद्धालुओं को समय पर उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम जिम्मेदारी से किया।

झांसी से सबसे कम कर्मचारी भेजे गए

परिवहन मंत्री ने जानकारी दी कि महाकुंभ 2025 के दौरान राज्य के कुल 19 क्षेत्रों से ड्राइवर और कंडक्टरों की ड्यूटी लगाई गई थी। इनमें सबसे ज्यादा 2,162 कर्मचारी लखनऊ क्षेत्र से भेजे गए थे, जबकि सबसे कम 574 कर्मचारी झांसी से तैनात किए गए।

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में करीब 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया, और यह सब संभव हो सका इन कर्मठ कर्मचारियों की मेहनत और सेवाभाव के कारण। ड्राइवरों और कंडक्टरों ने दिन-रात बिना थके अपनी ड्यूटी निभाई और लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया।

अब युवाओं को मिलेगा स्मार्टफोन

दयाशंकर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब युवाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए स्मार्टफोन वितरण योजना की दिशा में भी तेजी से काम कर रहे हैं। इससे छात्रों और युवाओं को शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं और अन्य डिजिटल सेवाओं में मदद मिलेगी।

योगी सरकार का यह कदम न सिर्फ कर्मचारियों को सम्मान देने वाला है, बल्कि प्रशासनिक प्रतिबद्धता और जवाबदेही का भी एक सशक्त उदाहरण बनकर सामने आया है।

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