Gold Silver Price: मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर आज गोल्ड का अगस्त कॉन्ट्रैक्ट 279 रुपये टूटकर 96,193 रुपये के स्तर पर खुला।
आज बुधवार, 9 जुलाई 2025 को घरेलू वायदा बाजार यानी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिली। अगस्त महीने की डिलीवरी वाला गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट सुबह 279 रुपये की गिरावट के साथ 96,193 रुपये प्रति 10 ग्राम पर खुला। इससे पहले मंगलवार को सोने का भाव 96,472 रुपये था।
खबर लिखे जाने तक यह कॉन्ट्रैक्ट 294 रुपये गिरकर 96,178 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा था। इस दौरान इसने 96,257 रुपये का दिन का उच्चतम स्तर और 96,157 रुपये का न्यूनतम स्तर छू लिया। सोने ने इस साल अब तक 1,01,078 रुपये प्रति 10 ग्राम का उच्चतम रिकॉर्ड दर्ज किया है।
चांदी की चमक भी पड़ी फीकी
सोने की ही तरह चांदी के भाव में भी सुस्ती देखी गई। सितंबर कॉन्ट्रैक्ट वाली चांदी आज 96 रुपये की गिरावट के साथ 1,07,889 रुपये प्रति किलो के स्तर पर खुली। मंगलवार को इसका बंद भाव 1,07,985 रुपये था।
खबर लिखे जाने तक यह कॉन्ट्रैक्ट 165 रुपये की गिरावट के साथ 1,07,820 रुपये के स्तर पर ट्रेड कर रहा था। ट्रेडिंग के दौरान इसने 1,07,938 रुपये का ऊपरी और 1,07,800 रुपये का निचला स्तर बनाया। साल 2025 में अब तक चांदी 1,09,748 रुपये प्रति किलो के उच्चतम स्तर को छू चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी गिरावट
केवल घरेलू बाजार ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी एक्सचेंज कॉमैक्स (Comex) पर भी आज सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।
कॉमैक्स पर सोने की शुरुआत 3,310.60 डॉलर प्रति औंस के भाव पर हुई, जबकि पिछला बंद 3,316.90 डॉलर था। इस समय सोने में 16.80 डॉलर की गिरावट के साथ यह 3,300.10 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा है। सोने ने इस साल 3,509.90 डॉलर प्रति औंस का ऑल टाइम हाई दर्ज किया है।
इसी तरह चांदी की शुरुआत 36.93 डॉलर प्रति औंस पर हुई। पिछला क्लोजिंग 36.74 डॉलर था। वर्तमान में यह मामूली गिरावट के साथ 36.72 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रही है।
क्यों फिसल रहे हैं सोने-चांदी के भाव
विशेषज्ञों के मुताबिक, हाल के दिनों में डॉलर में मजबूती और ब्याज दरों को लेकर वैश्विक संकेतों की अनिश्चितता की वजह से कीमती धातुओं पर दबाव बना हुआ है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है, जिससे निवेशकों की सतर्कता बढ़ गई है।
इसके अलावा, भारत में मानसून की स्थिति और त्योहारी सीजन की दूरी भी घरेलू मांग पर असर डाल रही है। ऐसे में फिलहाल खरीदारी का उत्साह कमजोर है और इसका असर वायदा बाजार के भावों पर दिखाई दे रहा है।
चांदी का उतार-चढ़ाव
चांदी की कीमतों ने भी इस साल शानदार छलांग लगाई थी। फरवरी और मार्च के बीच चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखी गई थी और यह 1.09 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी। लेकिन बीते कुछ हफ्तों से इसमें लगातार नरमी बनी हुई है।
इसका एक कारण यह भी है कि चांदी का उपयोग औद्योगिक कामों में अधिक होता है और वर्तमान में वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण औद्योगिक मांग में गिरावट देखी जा रही है।
क्या कहते हैं बाजार के जानकार
बाजार विशेषज्ञों की नजर में यह गिरावट फिलहाल एक स्वाभाविक सुधार है। कीमतों में जो तेजी पिछले महीनों में आई थी, उसके बाद बाजार में मुनाफावसूली की संभावना बनी रहती है।
इसके अलावा विदेशी निवेशकों की ओर से निकलने वाली पूंजी और वैश्विक बाजारों में जारी हलचल का सीधा असर कीमती धातुओं के रेट पर देखने को मिलता है। साथ ही, डॉलर इंडेक्स में तेजी आने पर सोना-चांदी की कीमतें दबाव में आ जाती हैं।