भारतीय निशानेबाज आज, मंगलवार से शुरू हो रहे चौथे और अंतिम आईएसएसएफ विश्व कप (राइफल और पिस्टल) में पदक जीतने की तैयारी के साथ उतरेंगे। इस 24 सदस्यीय दल की अगुवाई ओलंपियन राइफल शूटर रमिता जिंदल और दिव्यांश सिंह पंवार करेंगे।
स्पोर्ट्स न्यूज़: अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी महासंघ (ISSF) विश्व कप 2025 का आगाज आज, मंगलवार से होने जा रहा है। भारत की ओर से 24 सदस्यीय दल इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेगा, जिसमें ओलंपियन राइफल शूटर रमिता जिंदल और दिव्यांश सिंह पंवार भारतीय दल का नेतृत्व करेंगे। भारतीय निशानेबाजों की तैयारियों और प्रदर्शन पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
एशियाई चैंपियनशिप में भारत का दमदार प्रदर्शन
भारत ने हाल ही में कजाखस्तान के शेमकेंट में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया था। भारतीय दल ने कुल 31 पदक अपने नाम किए, जिसमें 14 स्वर्ण, 8 रजत और 9 कांस्य पदक शामिल हैं। इस शानदार प्रदर्शन के बाद भारत पदक तालिका में चीन के बाद दूसरे स्थान पर रहा। एशियाई चैंपियनशिप में मिली सफलता ने विश्व कप 2025 के लिए भारतीय खिलाड़ियों में आत्मविश्वास बढ़ाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय निशानेबाज इस विश्व कप में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।
ISSF विश्व कप (राइफल और पिस्टल) के इस चौथे और अंतिम चरण में 42 देशों के 320 से ज्यादा निशानेबाज 10 स्पर्धाओं में पदक के लिए भिड़ेंगे। भारतीय दल ने इस बार मिश्रित टीम स्पर्धाओं में नई जोड़ियों के साथ उतरने का फैसला किया है।
- 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम: रमिता जिंदल और उमामहेश मडेनिनी
- 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम: दिव्यांश सिंह पंवार और मेघना सज्जनार
- एयर पिस्टल स्पर्धा: रिदम सांगवान और निशांत रावत
- एयर पिस्टल स्पर्धा: सुरभि राव और अमित शर्मा
इस चयन का उद्देश्य केवल पदक जीतना नहीं है, बल्कि आगामी विश्व चैंपियनशिप (काहिरा, नवंबर 2025) और विश्व कप फाइनल्स (दोहा, दिसंबर 2025) के लिए अपने खिलाड़ियों की तैयारी को और मजबूत करना भी है।
चीन और अन्य मजबूत टीमों की चुनौती
इस बार प्रतियोगिता और भी कड़ी है क्योंकि चीन की टीम में कई ओलंपिक चैंपियन शामिल हैं। खासकर 10 मीटर एयर राइफल के विश्व रिकॉर्ड धारक और पेरिस ओलंपिक चैंपियन शेंग लिहाओ को भारतीय निशानेबाजों को चुनौती माननी होगी। अन्य प्रमुख देशों की टीमों में जर्मनी, रूस, इटली, और दक्षिण कोरिया के अनुभवी निशानेबाज भी पदक के दावेदार हैं। इन मुकाबलों में भारतीय खिलाड़ियों का धैर्य, स्थिरता और मानसिक मजबूती निर्णायक साबित होगी।