वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर है। अब तक सिर्फ 3.68 करोड़ रिटर्न फाइल हुए हैं। एक्सपर्ट्स चेतावनी देते हैं कि आखिरी समय पर फाइलिंग करने पर सर्वर डाउन जैसी दिक्कतें आ सकती हैं, इसलिए समय रहते ITR भरना जरूरी है।
ITR Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने वालों के लिए अलर्ट है: वित्त वर्ष 2024-25 की डेडलाइन 15 सितंबर है। अब तक केवल 3.68 करोड़ रिटर्न दाखिल हुए हैं, जबकि करोड़ों टैक्सपेयर्स अभी भी बचे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आखिरी दिनों में फाइलिंग से तकनीकी दिक्कतें हो सकती हैं। नए टैक्स स्लैब और स्टैंडर्ड डिडक्शन के अनुसार, समय रहते रिटर्न भरना फायदेमंद रहेगा।
कितने लोग कर चुके हैं ITR फाइल
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 25 अगस्त तक कुल 3.68 करोड़ रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। इनमें से 3.54 करोड़ रिटर्न वेरिफाई हो चुके हैं और 2.30 करोड़ को प्रोसेस किया जा चुका है। पिछले वर्ष पूरे साल में 9 करोड़ से ज्यादा रिटर्न फाइल हुए थे। इसका मतलब यह है कि अभी भी करोड़ों लोग ITR फाइल करना बाकी हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि आखिरी दिनों में यदि लोग रिटर्न फाइल करेंगे तो सर्वर डाउन होने और अन्य तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए समय रहते ITR भरना टैक्सपेयर्स के लिए बेहतर रहेगा।
डेडलाइन में बदलाव
पहले ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी। इस साल इसे बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया गया है। यह तारीख उन टैक्सपेयर्स के लिए है जिन्हें ऑडिट की आवश्यकता नहीं होती। जिन टैक्सपेयर्स को ऑडिट करवाना होता है, उनकी आखिरी तारीख 31 अक्टूबर है।
इनकम के अनुसार आंकड़े
देश में 1 करोड़ से ज्यादा इनकम वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 31 मार्च 2025 तक कुल 10,814 लोग 10 करोड़ से ज्यादा इनकम वाले हैं और उन्होंने रिटर्न फाइल कर दिया है। वहीं 5 से 10 करोड़ इनकम वाले 16,797 और 1 से 5 करोड़ इनकम वाले करीब 2.97 लाख लोग ITR दाखिल कर चुके हैं।
नए टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी कुल 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री होगी। 20 से 24 लाख रुपए इनकम वाले लोगों पर 25 प्रतिशत टैक्स का स्लैब लागू होगा।
बैंकिंग लेन-देन पर नजर
इनकम टैक्स विभाग बड़े बैंक लेन-देन पर भी नजर रखता है। यदि किसी व्यक्ति के सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपए से अधिक जमा होते हैं या कोई बड़ी FD या RD करता है, तो इसकी जानकारी सीधे टैक्स विभाग तक पहुंचती है। यह तरीका टैक्सपेयर्स की वित्तीय गतिविधियों को मॉनिटर करने के लिए अपनाया गया है।
आजकल ITR फाइलिंग ज्यादातर ऑनलाइन हो रही है। ई-फाइलिंग पोर्टल पर रिटर्न भरने की सुविधा उपलब्ध है। टैक्सपेयर्स अपना PAN और बैंक अकाउंट डिटेल्स डालकर आसानी से रिटर्न फाइल कर सकते हैं। ऑनलाइन फाइलिंग से रिटर्न प्रोसेसिंग तेज होती है और टैक्स रिफंड भी जल्दी मिल सकता है।
समय पर फाइलिंग के फायदे
समय पर ITR फाइल करने से कई फायदे हैं। इसमें टैक्स रिफंड जल्दी मिलता है और डेडलाइन के बाद पेनल्टी या ब्याज का खतरा नहीं रहता। इसके अलावा, समय पर रिटर्न फाइल करने से भविष्य में किसी तरह की ऑडिट या पूछताछ की परेशानी कम होती है।