झारखंड के गुमला जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों की मुठभेड़ में तीन नक्सली ढेर हो गए। इनमें दो पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। मारे गए नक्सलियों के पास से AK-47 और अन्य हथियार बरामद हुए।
गुमला: झारखंड के गुमला जिले में सुरक्षा बलों और पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। बुधवार सुबह हुई मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए, जिनमें से दो पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। मारे गए नक्सली झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) से जुड़े हुए थे और इलाके में सक्रिय थे। एनकाउंटर के बाद हथियारों की बरामदगी भी हुई है और सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
राज्य में नक्सली मुठभेड़ों में 32 नक्सली मारे
बिशुनपुर थाना क्षेत्र के केचकी जंगल में हुई मुठभेड़ में सबसे पहले लालू लोहरा और छोटू उरांव को मार गिराया गया। दोनों ही जेजेएमपी के सब-जोनल कमांडर थे और उनके खिलाफ पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। तीसरा मारा गया नक्सली सुजीत उरांव था, जो संगठन में कैडर के रूप में सक्रिय था।
पुलिस ने बताया कि मारे गए नक्सलियों के पास से एके-47 राइफल सहित कई अन्य हथियार बरामद किए गए। इलाके में अभी भी सुरक्षा बल सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं, ताकि अन्य संभावित नक्सली गतिविधियों को रोका जा सके। यह सितंबर महीने की चौथी मुठभेड़ है, जिसमें अब तक आठ नक्सली मारे जा चुके हैं।
गुमला मुठभेड़ में तीन नक्सली ढेर
इस साल झारखंड में नक्सली गतिविधियों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई लगातार जारी है। 15 सितंबर को हजारीबाग जिले के गोरहर थाना क्षेत्र में तीन इनामी माओवादी मारे गए थे। इनमें एक करोड़ रुपये के इनामी सहदेव सोरन, 25 लाख के इनामी रघुनाथ हेंब्रम और 10 लाख के इनामी वीर सेन गंझू शामिल थे।
इसके एक दिन पहले, 14 सितंबर को पलामू जिले के मनातू जंगल में 5 लाख के इनामी मुखदेव यादव मारा गया। वहीं, 7 सितंबर को पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा में 10 लाख के इनामी अमित हांसदा उर्फ अपटन ढेर किए गए। इस साल अब तक कुल 32 नक्सली मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं, जिससे राज्य में नक्सली गतिविधियों पर कड़ी चोट लगी है।
झारखंड नक्सली मुक्ति अभियान और सक्रिय माओवादी
झारखंड पुलिस के आंकड़ों के अनुसार राज्य में औसतन हर महीने तीन नक्सली मुठभेड़ों में मारे जा रहे हैं। फिलहाल राज्य में 100 से 150 माओवादी सक्रिय हैं। पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में भाकपा माओवादी के 13 बड़े नक्सली शामिल हैं, जिनमें मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी और असीम मंडल शामिल हैं। इन तीनों पर एक-एक करोड़ रुपये का इनाम है।
अन्य सूचीबद्ध नक्सलियों में अनमोल, मोछु, अजय महतो, अगेन अंगरिया, अश्विन, पिंटू लोहरा, चंदन लोहरा, जयकांत और रापा मुंडा शामिल हैं। इस वर्ष सबसे बड़ी मुठभेड़ 21 अप्रैल को बोकारो जिले के लुगु पहाड़ पर हुई थी, जब एक करोड़ के इनामी प्रयाग मांझी उर्फ विवेक सहित आठ माओवादी मारे गए।
सुरक्षा बलों का नक्सली गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण
झारखंड पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल मार्च 2026 तक राज्य को ‘नक्सल मुक्त’ बनाने के लक्ष्य के तहत अभियान चला रहे हैं। राज्य में सुरक्षा बल लगातार नक्सली गतिविधियों पर पैनी नजर रख रहे हैं और प्रत्येक मुठभेड़ में सफलता हासिल कर रहे हैं।
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि नक्सली संगठन के सीनियर कमांडरों की हत्याओं और हथियारों की बरामदगी से उनकी गतिविधियों पर गंभीर असर पड़ा है। राज्य में नागरिकों की सुरक्षा और विकास कार्यों को बाधित करने वाले नक्सली खतरे को समाप्त करना प्रशासन की प्राथमिकता है।