Jharkhand News: झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर केंद्र की योजनाओं में वित्तीय अनियमितता और सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियों के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र से मिलने वाली राशि का सही उपयोग नहीं हो रहा और उपयोगिता प्रमाण पत्र तक नहीं भेजे जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस प्रमुख की नियुक्ति, खनिज संसाधनों की लूट और आतंकी गतिविधियों पर भी चिंता जताई।
केंद्र की योजनाओं के क्रियान्वयन पर सवाल
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को दुमका में मीडिया से बातचीत के दौरान राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य के विकास के लिए योजनाएं और बजट उपलब्ध कराती है, लेकिन झारखंड सरकार उस राशि का सही उपयोग करने में असफल रही है।
मरांडी ने बताया कि राज्य सरकार समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं भेजती, जिससे केंद्र सरकार को अगली किस्तों को रोकना पड़ता है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राशि देती है, न कि लूटखसोट के लिए। यदि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाए, तो सभी किस्तें समय पर जारी हो सकती हैं।”
कानून-व्यवस्था और सुरक्षा पर चिंता
मरांडी ने झारखंड में हालिया सुरक्षा स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले कुछ महीनों में कई संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी हुई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि आतंकी संगठनों की सक्रियता बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के विभिन्न हिस्सों में ऐसे संगठनों की गतिविधियां चल रही हैं, जो राज्य की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती हैं।
पुलिस नेतृत्व और प्रशासनिक नियुक्तियों पर सवाल
राज्य के पुलिस महकमे को लेकर मरांडी ने विशेष रूप से पुलिस महानिदेशक (DGP) की नियुक्ति को लेकर सरकार की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि झारखंड सरकार ने आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता को DGP के पद पर नियुक्त किया है, जबकि उनका कार्यकाल 30 अप्रैल को समाप्त हो चुका था।
मरांडी ने यह भी कहा कि उन्हें एसीबी और सीआईडी जैसे संवेदनशील विभागों की जिम्मेदारी भी दी गई है, जो पूरी तरह से नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने इस पर कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप कदम उठाने की मांग की।
खनन क्षेत्र और जमीन कब्जे को लेकर आरोप
भाजपा नेता ने राज्य में खनिज संसाधनों की लूट का आरोप लगाते हुए कहा कि बालू, कोयला और पत्थर के व्यापार में सत्ता पक्ष के लोगों की संलिप्तता देखी जा रही है। उन्होंने दावा किया कि पाकुड़ जिले की कोयला खदानों में लोडिंग से लेकर ट्रांसपोर्टिंग तक की प्रक्रिया पर राज्य सरकार के निकट संबंधियों का नियंत्रण है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में अब भूमि विवादों की संख्या बढ़ रही है और कई लोग दूसरों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं हो रही।
बाबूलाल मरांडी द्वारा लगाए गए आरोप राज्य की शासन व्यवस्था, प्रशासनिक पारदर्शिता और सुरक्षा नीति को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े करते हैं। उन्होंने सरकार से इन मुद्दों पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की है।