रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका को स्पष्ट शब्दों में संदेश देते हुए कहा है कि भारत किसी को दुश्मन नहीं मानता। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विदेश नीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता, केवल स्थायी राष्ट्रीय हित होते हैं। राजनाथ सिंह ने यह बयान एनडीटीवी डिफेंस समिट 2025 के दौरान दिया।
नई दिल्ली: भारत पर ट्रंप प्रशासन द्वारा थोपे जा रहे टैरिफ और रूस से कच्चा तेल न खरीदने के दबाव के बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका को स्पष्ट जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि भारत किसी को अपना दुश्मन नहीं मानता और कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता, केवल स्थायी हित होते हैं। राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के लिए अपने किसानों और उद्यमियों के हित सर्वोपरि हैं और आत्मनिर्भरता केवल लाभ नहीं, बल्कि अब एक जरूरी आवश्यकता बन गई है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत...
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण है अपने किसानों और उद्यमियों का हित। उन्होंने आत्मनिर्भरता को केवल लाभकारी पहल के रूप में नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और आर्थिक प्रगति के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा, आज की बदलती दुनिया में हर दिन नई चुनौतियां सामने आती हैं। आत्मनिर्भरता अब सिर्फ विशेषाधिकार नहीं, बल्कि अस्तित्व बनाए रखने और प्रगति के लिए अनिवार्य शर्त बन गई है। यह हमारी अर्थव्यवस्था और सुरक्षा दोनों के लिए अहम है।
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में कहा कि भारत किसी को दुश्मन नहीं मानता, और किसी भी देश के साथ संबंध केवल राष्ट्रीय हितों के आधार पर तय किए जाते हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ और रूस से कच्चा तेल न खरीदने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर का भी किया जिक्र
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों का युद्ध केवल परिणाम को दर्शाता है, लेकिन इसके पीछे सालों की रणनीतिक योजना और तैयारी छिपी होती है। उन्होंने बताया, हमारी सेनाओं ने वर्षों की मेहनत और प्रशिक्षण के साथ स्वदेशी इक्विपमेंट्स का उपयोग कर चुने हुए टारगेट पर प्रभावी कार्रवाई की। यह हमारी रणनीतिक तैयारी और तकनीकी क्षमता का परिणाम है।
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत की सुरक्षा और सैन्य ताकत केवल युद्ध कौशल पर आधारित नहीं है, बल्कि संचालन और रणनीति, स्वदेशी उत्पादन और आत्मनिर्भरता पर भी निर्भर करती है। राजनाथ सिंह का यह बयान वैश्विक राजनीति में भारत की स्वतंत्र और संतुलित नीति को स्पष्ट करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत किसी के दबाव में नहीं आएगा और अपनी अर्थव्यवस्था, किसानों और उद्योगपतियों के हितों की रक्षा करेगा।