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रूस से तेल आयात पर भारत-ट्रंप बातचीत, अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच नया कदम

रूस से तेल आयात पर भारत-ट्रंप बातचीत, अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच नया कदम

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल के अंत तक रूस से तेल आयात घटाने का भरोसा दिया है। यह बयान रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद आया है। अमेरिका का कहना है कि रूस से तेल खरीद यूक्रेन युद्ध को सहारा देता है और भारत पर आर्थिक दबाव बनाए रखा जा रहा है।

Import of oil from Russia: व्हाइट हाउस में दीवाली समारोह के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत इस साल के अंत तक रूस से तेल आयात कम करेगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि रूस से तेल की खरीद लगभग 40 प्रतिशत घट जाएगी। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका भारत पर आर्थिक दबाव बनाए रखने के लिए कर नीति और प्रतिबंधों का इस्तेमाल कर सकता है, ताकि रूस-यूक्रेन युद्ध में सहयोग कम हो।

ट्रंप ने मोदी से क्या कहा

डॉनल्ड ट्रंप ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे भरोसा दिलाया है कि वे रूस से तेल की खरीद घटाएंगे। यह एक क्रमिक प्रक्रिया है। मैं कल प्रधानमंत्री मोदी से बात की, और वे बहुत सहयोगी रहे।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत इस साल के अंत तक रूस से तेल की खरीद लगभग बंद कर देगा।

ट्रंप ने कहा कि यह फैसला एकदम से नहीं लिया जा सकता और इसे धीरे-धीरे लागू किया जाएगा। उनका दावा है कि यह कदम रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को प्रभावित कर सकता है और वैश्विक ऊर्जा बाज़ार को भी स्थिरता प्रदान कर सकता है।

चीन और अमेरिका के रिश्तों पर ट्रंप का रुख

ट्रंप ने चीन और रूस के रिश्तों पर भी अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा कि अगर 1 नवंबर तक अमेरिका और चीन के बीच कोई व्यापार समझौता नहीं होता, तो चीन पर 155 प्रतिशत तक टैक्स लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा, “चीन का रूस के साथ रिश्ता थोड़ा अलग है। पहले यह रिश्ता अच्छा नहीं था, लेकिन पिछली नीतियों की वजह से दोनों एक दूसरे के करीब आ गए। मुझे लगता है कि वे दोस्त नहीं रह सकते। मैं चाहता हूं कि वे अच्छे रहें, लेकिन ऐसा संभव नहीं है।”

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध पर चर्चा

ट्रंप ने कहा कि वे रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत करेंगे। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर उन्होंने पीएम मोदी से भी बात की है। उन्होंने कहा, “मैं पीएम मोदी से चर्चा कर रहा हूं कि रूस और यूक्रेन का युद्ध कैसे खत्म किया जाए, चाहे वह तेल के जरिए हो या ऊर्जा के जरिए। मुझे लगता है कि पीएम मोदी इस पर सकारात्मक रुख दिखाएंगे।”

दीवाली पर मोदी-ट्रंप बातचीत

व्हाइट हाउस में आयोजित दीवाली समारोह के दौरान ट्रंप ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से व्यापार और ऊर्जा के मुद्दों पर चर्चा की है। उन्होंने कहा, “हमने कई विषयों पर बात की, लेकिन ज्यादातर व्यापार को लेकर हुई।”

ट्रंप का दावा है कि इस दौरान मोदी ने भरोसा दिया कि भारत रूस से तेल की खरीद घटाएगा। उन्होंने कहा, “भारत अब ज्यादा तेल नहीं खरीदेगा और वे भी चाहते हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध जल्द खत्म हो।”

रूसी तेल पर अमेरिकी दबाव

रूसी तेल लंबे समय से अमेरिका और भारत के बीच विवाद का विषय रहा है। अमेरिका का कहना है कि रूस से तेल खरीदने से यूक्रेन में युद्ध को मदद मिलती है। अमेरिकी आंकड़ों के अनुसार भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत कर का लगभग आधा हिस्सा रूस से तेल खरीद जारी रखने के कारण है।

इस बीच, भारतीय सरकारी तेल कंपनियां अपने रूसी सप्लायर्स के समझौतों की समीक्षा कर रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे प्रतिबंधित कंपनियों जैसे रोसनेफ्ट और लुकोइल से तेल नहीं खरीद रही हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियां अब अपने व्यापार और शिपिंग दस्तावेजों की जांच कर रही हैं।

नए अमेरिकी प्रतिबंधों का असर

ट्रंप सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में रूस पर पहले भी बड़े प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों का लक्ष्य मॉस्को पर दबाव बढ़ाना और यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करना है। लुकोइल और रोसनेफ्ट जैसी बड़ी तेल कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंध इसके हिस्से हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस कदम से वैश्विक तेल बाजार में अस्थिरता पैदा हो सकती है और भारत जैसे बड़े आयातक देशों पर अमेरिकी दबाव बढ़ सकता है।

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