भारतीय वायुसेना 114 मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) खरीदने की योजना बना रही है और उपलब्ध विकल्पों में फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन का राफेल शीर्ष प्राथमिकता पर दिखाई दे रहा है।
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना वर्तमान में 114 मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) खरीदने की प्रक्रिया में लगी हुई है। इस प्रक्रिया में कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन फ्रांस का राफेल विमान वायुसेना के लिए प्राथमिकता में है। यह विमान दुनिया के उन चुनिंदा फाइटर जेट्स में शामिल है जो भारी मात्रा में घातक हथियार ले जाकर दुश्मन को प्रभावी ढंग से निशाना बनाने में सक्षम हैं।
राफेल क्यों है खास?
राफेल को अक्सर पावरफुल मल्टी रोल फाइटर जेट्स में गिना जाता है। हालांकि यह पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ विमान नहीं हैं और दुश्मन के रडार को चकमा देने की क्षमता सीमित है, फिर भी इसके हथियारों की बहुमुखी क्षमता इसे वायुसेना के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प बनाती है। राफेल में 14 हार्डपॉइंट्स हैं, जो कुल 9.5 टन तक हथियार उठाने में सक्षम हैं। इनमें मीडियम रेंज एयर टू सरफेस न्यूक्लियर मिसाइल (ASMP-A) भी शामिल है, जिसे राफेल से 500 किलोमीटर की दूरी तक लॉन्च किया जा सकता है। यह क्षमता राफेल को दुनिया के उन सीमित विमानों में शामिल करती है जो न्यूक्लियर मिसाइल मिशन पर सक्षम हैं।
इसके अलावा, भारतीय वायुसेना पहले ही राफेल को उड़ाने का अनुभव रखती है, जिससे इसके परिचालन और प्रशिक्षण पर अतिरिक्त समय और संसाधन बचते हैं।
अन्य ताकतवर फाइटर जेट्स
दुनिया के कुछ और शक्तिशाली फाइटर जेट्स भी हैं, जो भारी हथियार और मल्टी-रोल मिशन में सक्षम हैं।
- अमेरिका का एफ-22 रैप्टर – यह स्टील्थ जेट है, जो दुश्मनों के रडार को चकमा देते हुए 6 AIM-120 AMRAAM और 2 AIM-9 मिसाइल ले जा सकता है। इसके अलावा यह दो 1,000 lb बम ले जाने में सक्षम है।
- अमेरिका का एफ-35 लाइटनिंग II – एफ-35 भी स्टील्थ जेट है और इसमें अंदर और बाहर दोनों तरफ हथियार रखने की क्षमता है। यह एफ-22 रैप्टर के समान हथियारों के साथ मिशन पर उड़ान भर सकता है।
- रूस का सुखोई SU-57 – यह पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ विमान है, जो रडार से बचते हुए तेज गति और भारी हथियार ले जाकर दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है।
- रूस का SU-35 – यह 8 टन हथियार लेकर लंबी दूरी के मिशन पर जा सकता है और तेज गति के हमले में दक्ष है।
- अमेरिका का एफ-15E स्ट्राइक ईगल – यह विमान 11 टन हथियार उठाने में सक्षम है। इसमें लेजर-गाइडेड बम और परमाणु हथियारों से हमला करने की क्षमता है।
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने हाल ही में कहा था कि राफेल MRFA के लिए एक प्रमुख विकल्प है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “हमने एमएमआरसीए कॉन्ट्रैक्ट के दौरान राफेल के प्रदर्शन और ऑपरेशनल क्षमता को ध्यान में रखते हुए इसका मूल्यांकन किया है। यह हमारे लिए सबसे उपयुक्त विकल्प है।
हालांकि MRFA डील में अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है, राफेल की बहुमुखी हथियार क्षमता, परिचालन अनुभव और ग्लोबल साख इसे विशेष बनाती है।