जयपुर के सरकारी अस्पताल में पेट दर्द की सिरप (इलेक्ट्रोलाइट लैक्टुलोज सॉल्यूशन) में फंगस मिलने के बाद सप्लाई रोक दी गई। मरीज के परिजनों की सजगता से समय रहते समस्या का पता चला और जांच शुरू कर दी गई।
जयपुर: राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दी जाने वाली दवाओं के मामले फिर से सुर्खियों में हैं। जयपुर के एक सरकारी अस्पताल में पेट दर्द के लिए दी जाने वाली इलेक्ट्रोलाइट लैक्टुलोज सॉल्यूशन सिरप में फंगस मिलने का मामला सामने आया। मरीज के परिजनों ने सिरप का ढक्कन खोलते समय उसमें झिल्ली और फंगस देखी। तुरंत सूचना मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने इस दवा की सप्लाई रोक दी और जांच शुरू कर दी।
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि अभी तक किसी मरीज की तबीयत बिगड़ने की कोई शिकायत नहीं आई है। इस घटना से यह स्पष्ट हुआ कि मरीज और परिजन की सजगता ने समय रहते संभावित खतरे को रोका।
जिन सिरप में फंगस मिलने का मामला
जिन सिरप में फंगस मिली, वह इलेक्ट्रोलाइट लैक्टुलोज सॉल्यूशन है, जो पेट दर्द या कब्ज की समस्या में दी जाती है। घटना के तुरंत बाद अस्पताल प्रशासन ने दो सदस्यीय प्रारंभिक जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी में मेडिकल ऑफिसर डॉ. विनोद गुप्ता और जनरल मेडिसिन के डॉ. राजेंद्र वर्मा शामिल हैं।
प्रारंभिक जांच में कमेटी ने पुष्टि की कि सिरप में झिल्ली और फंगस जैसी सामग्री मौजूद थी। इसके बाद उच्च स्तर पर भी जांच के लिए अलग कमेटी का गठन किया गया है। सभी सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं, ताकि दवा की गुणवत्ता और सुरक्षा पर स्पष्ट रिपोर्ट मिल सके।
फंगस वाली दवा की सप्लाई पर रोकने
जयपुरिया अस्पताल में इस दवा की सप्लाई तुरंत रोक दी गई। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. महेश मंगल ने बताया कि पिछले दिनों इस सिरप के 40 कार्टन सप्लाई किए गए थे। संदिग्ध बैच नंबर CLS 1324, निर्माण तिथि जुलाई 2025 और एक्सपायरी जून 2027 है।
डॉ. मंगल ने कहा कि मरीज के परिजन की सजगता के कारण ही समय रहते समस्या का पता चला और किसी मरीज को दवा पीने से कोई नुकसान नहीं हुआ। प्रशासन ने सभी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि वे संदिग्ध दवा का उपयोग न करें और जांच पूरी होने तक सप्लाई रोककर रखी जाए।
मरीज की सतर्कता ने रोका बड़ा खतरा
मरीज के परिजन ने जब दवा बोतल से निकाल कर ढक्कन में डाली, तब फंगस दिखाई दी। इस सजगता के कारण अस्पताल प्रशासन ने तुरंत कदम उठाया। डॉ. मंगल ने कहा कि अगर समय रहते दवा की जांच नहीं होती, तो बड़े पैमाने पर मरीजों को नुकसान हो सकता था।
सुरक्षा उपायों के तहत अस्पताल प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट किया है और जांच जारी है। इसके अलावा, यूनिक्योर इंडिया कंपनी के उत्पाद की गुणवत्ता और अन्य बैचों की भी समीक्षा की जाएगी।