Karbonsteel Engineering का शेयर मंगलवार को BSE NSE पर ₹159 के इश्यू प्राइस के मुकाबले ₹185.10 पर लिस्ट हुआ, जिससे निवेशकों को 16.42% का फायदा हुआ। लिस्टिंग के बाद यह ₹194.35 के अपर सर्किट पर पहुंच गया। 59.3 करोड़ रुपये के इस IPO को 76 गुना से ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिला था।
Karbonsteel Engineering IPO Listing: स्टील और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस देने वाली कार्बनस्टील इंजीनियरिंग ने मंगलवार को BSE NSE पर धमाकेदार एंट्री की। कंपनी का शेयर ₹159 के इश्यू प्राइस के मुकाबले ₹185.10 पर लिस्ट हुआ और जल्दी ही ₹194.35 के अपर सर्किट पर पहुंच गया। 59.3 करोड़ रुपये के इस IPO को निवेशकों का शानदार रिस्पॉन्स मिला और यह 76 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब हुआ था। जुटाई गई राशि का इस्तेमाल कंपनी अपनी अंबरगांव फैसिलिटी के विस्तार, कर्ज घटाने और वर्किंग कैपिटल जरूरतों पर करेगी।
IPO की शानदार लिस्टिंग
कंपनी ने अपने शेयरों की इश्यू प्राइस 159 रुपये तय की थी। BSE NSE पर यह 185.10 रुपये पर लिस्ट हुआ। यानी निवेशकों को लिस्टिंग के साथ ही करीब 16.42 प्रतिशत का फायदा मिला। इसके बाद शेयर में और तेजी देखने को मिली और यह बढ़कर 194.35 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस भाव पर स्टॉक अपर सर्किट में चला गया। इस तरह IPO में पैसे लगाने वालों को पहले ही दिन लगभग 22.23 प्रतिशत का मुनाफा मिल गया।
IPO को मिला जबरदस्त रिस्पांस
कार्बनस्टील इंजीनियरिंग का आईपीओ 9 सितंबर से 11 सितंबर तक खुला था। इस दौरान निवेशकों का रुझान जबरदस्त रहा। आंकड़ों के मुताबिक IPO को कुल 76.59 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के हिस्से को 121.61 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एनआईआई) के हिस्से को 85.99 गुना और खुदरा निवेशकों के हिस्से को 46.84 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। यह आंकड़े दिखाते हैं कि निवेशकों ने कंपनी पर पूरा भरोसा जताया।
कंपनी का कारोबार और विस्तार
कार्बनस्टील इंजीनियरिंग की शुरुआत वर्ष 2011 में हुई थी। कंपनी कई अहम क्षेत्रों को स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है। इनमें स्टील प्लांट्स, रेलवे ब्रिज, ऑयल एंड गैस प्लांट्स और रिफाइनरीज शामिल हैं। कंपनी की दो बड़ी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज हैं। एक गुजरात में और दूसरी महाराष्ट्र में। इन प्लांट्स में हैवी स्टील स्ट्रक्चर्स, प्री-इंजीनियर्ड बिल्डिंग्स और स्टील ब्रिज तैयार किए जाते हैं। इनकी संयुक्त क्षमता सालाना 32,400 टन है।
जुटाई गई राशि का इस्तेमाल
कंपनी ने कुल 59.30 करोड़ रुपये का IPO लॉन्च किया था। इसमें 48.33 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए और 6.90 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल के तहत बेचे गए। ऑफर फॉर सेल का पैसा पुराने शेयरधारकों को मिला, जबकि नए शेयरों से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल कंपनी कई उद्देश्यों के लिए करेगी।
करीब 12.29 करोड़ रुपये कंपनी अपनी अंबरगांव मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में नया शेड बनाने में लगाएगी। इसके अलावा 3.08 करोड़ रुपये का उपयोग कर्ज चुकाने के लिए होगा। वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिए 25.25 करोड़ रुपये रखे गए हैं और बाकी राशि सामान्य कॉरपोरेट कामों में खर्च की जाएगी।
वित्तीय स्थिति मजबूत
कंपनी के वित्तीय आंकड़े भी इसकी मजबूत स्थिति की ओर इशारा करते हैं। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी ने 5.11 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया था। यह अगले वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 9.42 करोड़ रुपये हो गया और वित्त वर्ष 2025 में 14.16 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
कंपनी की कुल आय भी लगातार बढ़ी है। यह सालाना 32 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 273.91 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
हालांकि कंपनी पर कर्ज भी बढ़ा है। वित्त वर्ष 2023 के अंत में कंपनी पर 48.52 करोड़ रुपये का कर्ज था। यह वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 59.83 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में 78.55 करोड़ रुपये हो गया। इसके बावजूद कंपनी के रिजर्व और सरप्लस में लगातार सुधार हुआ है। यह 2023 में 23.74 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 49.27 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।