स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह भारत की पहली महिला राफेल पायलट हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंबाला एयरबेस में उनसे मुलाकात की और राफेल जेट के सामने तस्वीर साझा की। इससे पाकिस्तान द्वारा फैलाई गई झूठी खबर पूरी तरह खारिज हुई। शिवांगी ने कई अंतरराष्ट्रीय मिशनों और LoC ऑपरेशनों में भाग लिया है।
New Delhi: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में हरियाणा के अंबाला एयर फोर्स स्टेशन (Ambala Air Force Station) में स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह से मुलाकात की। यह वही एयरबेस है जहां भारतीय वायुसेना का पहला राफेल स्क्वाड्रन 'गोल्डनएरोज' तैनात है। राष्ट्रपति ने शिवांगी के साथ राफेल जेट के सामने तस्वीर साझा की, जिससे पाकिस्तान द्वारा फैलाई गई झूठी खबर का पर्दाफाश हुआ।
कौन हैं शिवांगी सिंह
उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली शिवांगी सिंह बचपन से ही उड़ान की शौकीन थीं। दिल्ली के एयर फोर्स म्यूजियम में जाकर उन्हें पहली बार वायुसेना के विमानों की प्रेरणा मिली। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की और एनसीसी एयर विंग से जुड़कर अपने सपने को पंख दिए।

इसके बाद उन्होंने हैदराबाद स्थित एयर फोर्स एकेडमी (AFA) में प्रशिक्षण लिया और 2017 में वायुसेना की दूसरी महिला फाइटर पायलट बैच का हिस्सा बनीं। शिवांगी ने अपना करियर तेज और चुनौतीपूर्ण विमान MiG-21 बाइसन से शुरू किया और 2020 में राफेल उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट बन गईं।
राष्ट्रपति से मुलाकात
मुलाकात उस समय हुई जब पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह दावा किया था कि शिवांगी सिंह को पकड़ लिया गया है। सोशल मीडिया और पाकिस्तानी मीडिया में यह झूठ फैला कि भारतीय राफेल को गिरा दिया गया और महिला पायलट को कैद कर लिया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिवांगी के साथ मुस्कुराते हुए राफेल जेट के सामने तस्वीर साझा की। इस तस्वीर ने पाकिस्तान द्वारा फैलाई गई झूठी खबर को पूरी तरह नकार दिया। भारत सरकार की फैक्ट-चेक यूनिट ने भी स्पष्ट किया कि यह दावा पूरी तरह गलत था।
शिवांगी सिंह का करियर
शिवांगी वर्तमान में 17 स्क्वाड्रन 'गोल्डनएरोज' में तैनात हैं। उन्होंने फ्रांस में एक्सरसाइज ओरियन 2023 सहित कई अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यासों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। इसके अलावा, उन्होंने पूर्वी लद्दाख और लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) जैसे संवेदनशील इलाकों में कई मिशनों में भाग लिया।

उनकी ट्रेनिंग और अनुभव ने उन्हें भारतीय वायुसेना की प्रमुख महिला पायलटों में शामिल किया है। शिवांगी के मेंटर ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान थे, जिन्होंने पाकिस्तान में कैद होकर हीरो बनकर लौटने के बाद महिला पायलटों को मार्गदर्शन दिया।
ऑपरेशन सिंदूर में रही भूमिका
मई में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। भारत ने जवाबी कार्रवाई के तहत ऑपरेशन सिंदूर चलाया। पाकिस्तान की ओर से यह झूठ फैलाया गया कि भारतीय राफेल विमान गिरा दिया गया और महिला पायलट शिवांगी सिंह को पकड़ लिया गया।
हालांकि, वायुसेना और भारत सरकार ने तुरंत इस दावे को खारिज किया। वास्तव में ऑपरेशन के दौरान भारत का कोई भी फाइटर विमान नहीं गिरा। उल्टा, पाकिस्तान के छह विमान क्रैश हुए जिनमें चार अमेरिकी F-16, चीन के JF-17 और एक एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग प्लेन शामिल थे। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने डेटा और वीडियो सबूत के जरिए इसे साबित किया।
राफेल जेट भारतीय वायुसेना की आधुनिक और सबसे उन्नत लड़ाकू क्षमता का प्रतीक है। शिवांगी सिंह जैसे महिला पायलटों ने इस विमान को ऑपरेशनल स्तर पर उड़ाकर यह साबित कर दिया कि महिलाएं भी चुनौतीपूर्ण सैन्य मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकती हैं। राफेल की तैनाती से भारत की वायु सेना की सामरिक क्षमताओं में वृद्धि हुई है और शिवांगी इस उपलब्धि की प्रमुख हिस्सा हैं।













