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'कौन सच्चा भारतीय है, ये आप तय नहीं करेंगे': सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर प्रियंका गांधी का पलटवार, राहुल गांधी का किया बचाव

'कौन सच्चा भारतीय है, ये आप तय नहीं करेंगे': सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर प्रियंका गांधी का पलटवार, राहुल गांधी का किया बचाव

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने भाई राहुल गांधी का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश की सेना का हमेशा गहरा सम्मान करते हैं और उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। 

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है जिसमें कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा भारतीय सेना को लेकर की गई कथित टिप्पणी पर न्यायालय ने सवाल उठाए थे। प्रियंका ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा से भारतीय सेना का गहरा सम्मान करते आए हैं और उनका बयान राजनीतिक जवाबदेही की भावना से प्रेरित था, न कि किसी प्रकार की राष्ट्रविरोधी भावना से।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का संदर्भ

सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी 2022 में अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से सेक्टर में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद राहुल गांधी की उस टिप्पणी को लेकर थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन ने भारत की लगभग 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है।इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सवाल किया,

आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है? एक सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा। न्यायालय की इस टिप्पणी को लेकर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।

प्रियंका गांधी का जवाब

प्रियंका गांधी ने कोर्ट की इस टिप्पणी को "गलत व्याख्या" करार देते हुए राहुल गांधी के बचाव में कहा:

'राहुल गांधी ने हमेशा देश की सेना, उनके त्याग और सेवा का सम्मान किया है। वे सिर्फ नेता प्रतिपक्ष के तौर पर अपना संवैधानिक कर्तव्य निभा रहे हैं, और सरकार से जवाब मांगना उनका अधिकार है।'

उन्होंने आगे कहा कि

'कोर्ट का यह कहना कि 'एक सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा', अपने आप में चिंताजनक और सीमित सोच को दर्शाता है। कोई संस्था यह तय नहीं कर सकती कि कौन सच्चा भारतीय है और कौन नहीं।'

संसद और लोकतंत्र पर सवाल

प्रियंका गांधी ने संसद में गतिरोध और सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए कहा:

'क्या सरकार इतनी दुर्बल हो गई है कि वह विपक्ष के सवालों का जवाब देने से बच रही है? संसद कई दिनों से ठप है, सरकार संवाद से भाग रही है। जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा हो सकती है, तो फिर सीमा सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा क्यों नहीं?'

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का काम है सरकार से जवाब मांगना, और अगर संसद में ऐसा भी न हो पाए तो लोकतंत्र के भविष्य पर बड़ा खतरा मंडरा सकता है।

राहुल गांधी का रुख: राष्ट्रीय सुरक्षा बनाम पारदर्शिता

राहुल गांधी पहले भी कई बार सीमा पर चीन की बढ़ती गतिविधियों को लेकर संसद और सरकार से पारदर्शिता की मांग कर चुके हैं। उनके अनुसार सरकार को देश की जनता को यह बताना चाहिए कि सीमा पर वास्तविक स्थिति क्या है, न कि उसे छिपाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सवाल पूछना राष्ट्रविरोध नहीं बल्कि राष्ट्रहित में है।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने सोशल मीडिया और सिविल सोसाइटी में भी बहस छेड़ दी है। कई विशेषज्ञों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सच्चा भारतीय कौन है, यह तय करने का अधिकार किसी संस्था को नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र में सवाल पूछना, आलोचना करना और जवाबदेही मांगना हर नागरिक का अधिकार है।

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