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केरल में तैयार होगी देश की पहली ज्यूडिशियल सिटी, 61 कोर्ट रूम और जजों के बंगले होंगे शामिल

केरल में तैयार होगी देश की पहली ज्यूडिशियल सिटी, 61 कोर्ट रूम और जजों के बंगले होंगे शामिल

केरल के कोच्चि में देश का पहला ज्यूडिशियल सिटी बनेगा। 27 एकड़ में विकसित यह परिसर 61 कोर्ट रूम, जजों के बंगले, हाईटेक AI सुविधाओं और लॉ इंस्टीट्यूट सहित आधुनिक न्यायालय प्रदान करेगा।

New Delhi: केरल के कोच्चि जिले के कलामासेरी में देश का पहला 'ज्यूडिशियल सिटी' बनाने का निर्णय लिया गया है। यह परियोजना 27 एकड़ भूमि में विकसित की जाएगी और इसकी अनुमानित लागत 1,000 करोड़ रुपये है। ज्यूडिशियल सिटी का उद्देश्य राज्य के न्यायालयों और संबंधित संस्थाओं को एक ही परिसर में समेकित करना है, ताकि नागरिकों को न्यायिक सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हों।

इस शहर में उच्च न्यायालय, ट्रिब्यूनल कोर्ट और अन्य न्यायिक संस्थान एक ही जगह पर मौजूद होंगे। यह प्रोजेक्ट 10 साल के भीतर पूरी तरह तैयार हो जाएगा और राज्य के न्यायिक ढांचे को आधुनिक और कुशल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

AI से लैस हाईटेक कोर्ट

ज्यूडिशियल सिटी में हाई कोर्ट परिसर के लिए 17 एकड़ का क्षेत्र निर्धारित किया गया है। यह परिसर लगभग 12 लाख वर्ग फीट में फैलेगा और इसमें नवीनतम तकनीक से लैस कोर्ट रूम बनाए जाएंगे। इन कोर्ट रूम में AI (Artificial Intelligence) की मदद से केस मैनेजमेंट, दस्तावेज़ प्रोसेसिंग और डिजिटल ट्रायल जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

इसके अलावा ज्यूडिशियल सिटी में सैटेलाइट इंटरनेट की सुविधा वाले कोर्ट रूम, न्यायिक अकादमी, केस तेजी से निपटाने के लिए विशेष व्यवस्था, और अन्य आधुनिक न्यायिक सुविधाएं मौजूद होंगी। इससे राज्य के नागरिकों को तेज़, पारदर्शी और तकनीकी दृष्टि से सक्षम न्याय प्रणाली प्राप्त होगी।

तीन प्रमुख टावर

ज्यूडिशियल सिटी के डिजाइन में तीन टावर शामिल होंगे। यह टावर भारतीय संविधान के मुख्य सिद्धांतों—समानता, स्वतंत्रता और जीवन के मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 14, 19 और 21) के आधार पर बनाए जाएंगे।

मुख्य टावर 7 मंजिला होगा, जबकि बाकी दो टावर 6-6 मंजिला होंगे। इन टावरों में कोर्ट रूम, प्रशासनिक विभाग, लॉ इंस्टीट्यूट, भर्ती प्रकोष्ठ और मध्यस्थता केंद्र के साथ जजों के बंगले भी शामिल होंगे। इससे सभी न्यायिक और प्रशासनिक गतिविधियां एक ही परिसर में सुचारू रूप से संचालित हो सकेंगी।

61 कोर्ट रूम और व्यापक सुविधाएं

ज्यूडिशियल सिटी में कुल 61 कोर्ट रूम बनाए जाएंगे। इसके अलावा इसमें लॉ इंस्टीट्यूट-कॉलेज, प्रशासनिक विंग, चैंबर्स, मध्यस्थता केंद्र, सूचना केंद्र और सभागार जैसी सभी महत्वपूर्ण सुविधाएं एक ही जगह पर उपलब्ध होंगी।

जजों के लिए विशेष बंगले बनाए जाएंगे, ताकि न्यायाधीशों को कार्य और जीवन की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों। यह व्यवस्था न्यायपालिका के कामकाज को और प्रभावी बनाएगी और न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी लाएगी।

उच्च न्यायालय का स्थानांतरण

केरल के वर्तमान उच्च न्यायालय, जो एर्नाकुलम में स्थित है, ज्यूडिशियल सिटी में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इससे न्यायालय की कार्यक्षमता में सुधार होगा और सभी न्यायिक संस्थाओं का संचालन एक ही परिसर से होगा।

इस परियोजना से न्यायिक कर्मचारियों और नागरिकों दोनों को सुविधा होगी। ज्यूडिशियल सिटी राज्य में न्यायिक प्रणाली को आधुनिक, व्यवस्थित और तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाएगी।

10 साल में पूर्ण आकार

ज्यूडिशियल सिटी का निर्माण 10 साल में पूरा होगा। इसके पूर्ण होने पर यह भारत के सर्वोत्तम न्यायिक केंद्रों में गिना जाएगा। राज्य के कानून मंत्री पी. राजीव ने बताया कि ज्यूडिशियल सिटी का डिज़ाइन सुप्रीम कोर्ट के मानकों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है।

यह परियोजना न केवल केरल बल्कि पूरे देश के लिए न्यायपालिका में नई दिशा तय करेगी। AI और डिजिटल सुविधाओं से लैस होने के कारण यह शहर न्यायिक कार्यों में तेजी और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।

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