प्रदेश की शिक्षानगरी सीकर में बीते डेढ़ साल के दौरान पुलिस ने भले ही कई बार स्मैक, अफीम, एमडी और गांजा जैसी नशे की खेप पकड़ी हो, लेकिन पुलिस अब तक मुख्य सप्लायरों तक नहीं पहुंच पाई है। जांच के बावजूद कार्रवाई छोटे स्तर के ड्रग पैडलरों तक सीमित होकर रह गई है।
सीकर: सूत्रों के अनुसार, अन्य जिलों और राज्यों से सूखे नशे की लगातार खेप सीकर लाई जा रही है। शहर के स्कूलों और कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र इन नेटवर्क्स का टारगेट बन रहे हैं। ट्रक और टैंकर चालक माल ढोने वाले वाहनों के बीच नशा छिपाकर लाते हैं और यहां स्थानीय ड्रग पैडलरों को सप्लाई करते हैं। ये पैडलर आगे छोटे एजेंटों और नशेड़ियों के जरिए युवाओं तक नशे का जाल फैला रहे हैं। पिछले दिनों गोकुलपुरा और सदर थाना पुलिस ने ऐसे कई ट्रक चालकों और पैडलरों को गिरफ्तार कर वाहनों को जब्त किया था, लेकिन सप्लाई चैन की जड़ें अब भी जस की तस हैं।
सिर्फ चालान से बढ़ा रही छवि
सीकर, राजस्थान: शिक्षानगरी सीकर में नशे का जाल लगातार फैलता जा रहा है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई सतही स्तर पर सीमित दिख रही है। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान में मादक पदार्थ तस्करी, हवाला और सट्टेबाजी में शामिल कई आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, फिर भी गांजा, स्मैक, अफीम और एमडी जैसे घातक नशों के बड़े सप्लायर अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। बीते डेढ़ साल में दर्जनों मामलों में पुलिस ने केवल छोटे एजेंटों और उप-तस्करों के खिलाफ चालान पेश कर अपनी कार्यवाही पूरी कर ली, जबकि मुख्य सप्लायरों के नेटवर्क तक कोई ठोस जांच नहीं पहुंची। परिणामस्वरूप, वही तस्कर नए एजेंटों के माध्यम से शेखावाटी क्षेत्र में नशे की सप्लाई फिर शुरू कर देते हैं। स्थानीय सामाजिक संगठनों का कहना है कि यदि पुलिस गहराई से जांच करे और सप्लाई चेन के मूल स्रोत तक पहुंचे, तो क्षेत्र को नशे की गिरफ्त से काफी हद तक मुक्त किया जा सकता है।
कई जिलों से सक्रिय नशे का नेटवर्क
सूखे नशे की अवैध सप्लाई का जाल प्रदेश के कई हिस्सों से लगातार फैलता जा रहा है। जयपुर, चित्तौड़गढ़, श्रीगंगानगर, जोधपुर और हनुमानगढ़ जैसे जिलों के साथ-साथ हरियाणा के बड़े तस्कर ड्रग पैडलर्स के जरिए शेखावाटी, नागौर और आसपास के इलाकों में स्मैक, गांजा, एमडी और अफीम की खेप पहुँचा रहे हैं। वहीं, गांजे की सबसे बड़ी सप्लाई मध्यप्रदेश से की जा रही है। पुलिस की सख्ती के बावजूद यह नेटवर्क लगातार सक्रिय बना हुआ है, जिससे नशे का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा।
शेखावाटी में चलता था सप्लाई नेटवर्क
सीकर जिले में नशे के बढ़ते नेटवर्क का एक और बड़ा खुलासा तब हुआ जब डीएसटी टीम और सदर थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर करीब 40 लाख रुपये मूल्य की 3 किलो 770 ग्राम अफीम बरामद की। यह कार्रवाई जुलाई माह में की गई थी, जिसमें पुलिस ने आरोपी मनोज कुमार जाट को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि आरोपी भीलवाड़ा से अफीम खरीदकर लग्जरी कार के जरिए सीकर लाता था और इसके बाद शेखावाटी के तीनों जिलों — सीकर, चूरू और झुंझुनूं — में इसकी सप्लाई करता था। पुलिस ने उसके पास से डेढ़ लाख रुपये नकद भी बरामद किए। यह मामला प्रदेश में सक्रिय ड्रग तस्करी नेटवर्क की गंभीरता को उजागर करता है, जहां अपराधी लगातार नए तरीकों से नशे की खेप पहुंचा रहे हैं, जबकि पुलिस मुख्य सप्लायरों तक सीमित रूप से ही पहुँच पा रही है।
नशा नेटवर्क के सरगनाओं तक अब भी नहीं पहुंची पुलिस
सीकर जिले में गांजे की सप्लाई चेन पर पुलिस ने कई बार कार्रवाई की, लेकिन नशे के नेटवर्क की जड़ें अब भी मजबूत बनी हुई हैं। अप्रैल में डीएसटी और फतेहपुर सदर थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए फतेहपुर कस्बे के एक खेत से करीब 325 किलो गांजा बरामद किया था, जिसकी बाजार कीमत लगभग 26 लाख रुपये आंकी गई।
इसके बाद नवंबर 2024 में सदर थाना पुलिस ने रामचंद्र निवासी भोजासर छोटा को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 25 किलो गांजा और एक पिकअप गाड़ी जब्त की थी। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी लंबे समय से ग्रामीण इलाकों में गांजे की सप्लाई का काम कर रहा था। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद उसके नेटवर्क के कई अन्य सदस्य अब भी फरार बताए जा रहे हैं।
खेतों में छिपाई जा रही गांजे की खेती
जिले के ग्रामीण इलाकों में गांजे की खेती का चलन पुलिस के लिए नई चुनौती बनता जा रहा है। नीमकाथाना, खंडेला, दांतारामगढ़ और रानोली जैसे कस्बों में कई लोगों ने फसलों के बीच गांजे की पौध छिपाकर अवैध खेती कर रखी थी। पुलिस ने दबिश देकर बड़ी मात्रा में पौधे जब्त किए, लेकिन कई मामलों में मुख्य आरोपी फरार हो गए।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, किसान वर्ग का एक छोटा हिस्सा तेजी से मुनाफा कमाने के लालच में इस अवैध कारोबार की ओर बढ़ रहा है। पुलिस अब ड्रोन सर्विलांस और गुप्त सूचना तंत्र के जरिए इन खेतों की पहचान कर रही है, ताकि नशे की जड़ तक पहुंचा जा सके और तस्करी के इस फैलते नेटवर्क को खत्म किया जा सके।













