उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान तीन साल के मासूम की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। मृतक बच्चे की पहचान जियान के रूप में हुई है। बताया गया है कि पांच दिन पहले जियान को खेलते समय चोट लग गई थी, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने पर शुक्रवार को उसे खोया मंडी के पास स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
ऑक्सीजन पाइप से फेफड़े में छेद का आरोप
परिजनों के मुताबिक, इलाज के दौरान बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट देने के लिए मुंह में पाइप डाली गई, लेकिन इस प्रक्रिया में लापरवाही बरती गई। बच्चे के चाचा शादाब का कहना है कि ऑक्सीजन पाइप डालते समय डॉक्टरों से गलती हुई, जिससे जियान के फेफड़े में छेद हो गया। इसके बाद उसकी हालत तेजी से बिगड़ने लगी। रविवार रात उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद सोमवार सुबह अस्पताल ने उसकी मौत की पुष्टि कर दी।
महंगे इलाज पर भी नहीं बची जान
परिजनों ने बताया कि शुरुआत में बच्चे की हालत सामान्य थी, लेकिन बाद में डॉक्टरों ने एक इंजेक्शन के लिए 50 हजार रुपये की मांग की। परिवार ने कीमत कम करने की गुहार लगाई, जिसके बाद 46 हजार रुपये में इंजेक्शन लगाया गया। इसके बावजूद बच्चे की तबीयत में सुधार नहीं हुआ और इलाज के दौरान उसकी जान चली गई। परिजनों ने इलाज को लेकर अस्पताल पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
जांच के आदेश
परिवार ने डॉक्टरों पर गलत इलाज और लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामले की गहन जांच की मांग की है। फिलहाल अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, सीएमओ डॉ. बीबी सिंह ने भी मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल से इलाज से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
यह मामला एक बार फिर निजी अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़ा करता है। परिजनों को अब प्रशासनिक जांच से न्याय की उम्मीद है।