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कोनेरू हम्पी और दिव्या देशमुख के बीच होगा शतरंज का खिताबी मुकाबला, इतिहास रचने को तैयार भारतीय खिलाडी

कोनेरू हम्पी और दिव्या देशमुख के बीच होगा शतरंज का खिताबी मुकाबला, इतिहास रचने को तैयार भारतीय खिलाडी

ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने फिडे महिला विश्व कप सेमीफाइनल में शानदार वापसी करते हुए चीन की टिंगजी लेई को टाईब्रेकर में हराकर फाइनल में जगह बना ली। 

FIDE Women World Cup 2025: FIDE महिला वर्ल्ड कप 2025 में भारत की दो दमदार शतरंज खिलाड़ी आमने-सामने होंगी। ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी और इंटरनेशनल मास्टर दिव्या देशमुख ने सेमीफाइनल में अपने-अपने चीनी प्रतिद्वंद्वियों को हराकर फाइनल में जगह पक्की कर ली है। इस ऐतिहासिक मुकाबले में पहली बार दो भारतीय महिला शतरंज खिलाड़ी FIDE महिला विश्व कप के खिताब के लिए आमने-सामने होंगी।

हम्पी की टाईब्रेक में शानदार वापसी

कोनेरू हम्पी का सेमीफाइनल मुकाबला था चीन की मजबूत खिलाड़ी टिंगजी लेई से। शुरुआती दो क्लासिकल बाजियां ड्रॉ पर समाप्त हुईं। इसके बाद मुकाबला टाईब्रेक में गया, जिसमें पहले 15-15 मिनट की दो बाजियों के सेट में भी कोई नतीजा नहीं निकला। फिर जब 10-10 मिनट की बाजियों का सेट शुरू हुआ, तो लेई ने पहली बाजी जीत ली और ऐसा लगने लगा कि हम्पी की राह मुश्किल हो सकती है।

लेकिन यहीं से हम्पी ने शानदार वापसी की। उन्होंने दूसरी बाजी में अपनी रणनीति में बदलाव कर दमदार खेल दिखाया और बाजी जीतकर स्कोर बराबर कर दिया।

तीसरे सेट में दिखा हम्पी का अनुभव

टाईब्रेक के तीसरे सेट में हम्पी ने सफेद मोहरों से खेलते हुए आक्रामक शुरुआत की। उन्होंने हर पहलू में लेई को मात देते हुए पहली बाजी अपने नाम कर ली। इसके बाद फाइनल में पहुंचने के लिए उन्हें बस एक ड्रॉ की जरूरत थी, लेकिन हम्पी ने उसे भी जीत में बदलते हुए अपने शानदार फॉर्म का परिचय दिया। उनकी यह जीत न केवल फाइनल का टिकट थी, बल्कि उनके अनुभव, धैर्य और खेल की गहराई का प्रमाण भी बन गई।

सेमीफाइनल के दूसरे मुकाबले में इंटरनेशनल मास्टर दिव्या देशमुख ने पूर्व विश्व चैंपियन झोंगयी टैन को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। दिव्या की यह जीत बेहद खास रही क्योंकि उन्होंने क्वार्टर फाइनल में चीन की दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी जोनर झू और भारत की ही ग्रैंडमास्टर डी. हरिका को पराजित कर यहां तक का सफर तय किया।

टैन के खिलाफ मुकाबला 101 चालों तक चला और इस रोमांचक बाजी में दिव्या ने धैर्य और सटीकता से अपनी स्थिति को मजबूत किया और अंततः जीत हासिल की। यह मुकाबला उनके शतरंज कौशल, मानसिक मजबूती और टैक्टिकल समझ का बेहतरीन उदाहरण था।

दोनों खिलाड़ी महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई

फाइनल में पहुंचने के साथ ही कोनेरू हम्पी और दिव्या देशमुख दोनों ने अगले साल होने वाले FIDE महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है। यह टूर्नामेंट मौजूदा महिला विश्व चैंपियन वेनजुन जू को टक्कर देने वाली नई दावेदार तय करेगा। भारतीय शतरंज प्रेमियों के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है, जहां दोनों फाइनलिस्ट खिलाड़ी भारत से हैं और भविष्य में विश्व चैंपियन बनने की दौड़ में शामिल हो चुकी हैं।

FIDE महिला वर्ल्ड कप 2025 का फाइनल भारतीय शतरंज इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बनने जा रहा है। एक ओर कोनेरू हम्पी हैं, जो लंबे समय से भारतीय शतरंज की पहचान रही हैं और दूसरी ओर दिव्या देशमुख, जो नई पीढ़ी की उम्मीद बनकर उभर रही हैं।

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