कर्नाटक में डीके शिवकुमार के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि आज कार होना जरूरी है और टनल रोड प्रोजेक्ट आवश्यक है। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने पलटवार करते हुए कहा कि समाधान मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन से किया जाना चाहिए, यह सामाजिक समस्या नहीं है।
Karnataka Politics: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) के एक बयान ने राज्य की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने हाल ही में कहा कि आजकल लोग अपनी बेटियों की शादी उन लड़कों से नहीं करते जिनके पास कार नहीं होती। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया पैदा की है। शिवकुमार ने इस बयान के माध्यम से टनल रोड प्रोजेक्ट का बचाव किया और कहा कि कार रखना अब सामाजिक जिम्मेदारी बन गई है।
डीके शिवकुमार का बयान
डीके शिवकुमार ने कहा कि आज के समय में लोग अपने परिवार के साथ आराम से सफर करना चाहते हैं और इसलिए कार का होना आवश्यक माना जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि बेंगलुरु में ट्रैफिक पहले से ही बहुत अधिक है और सिर्फ बस सेवाओं को बढ़ाने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता। शिवकुमार ने टनल रोड परियोजना को इस संदर्भ में आवश्यक बताया और कहा कि यह रोड ट्रैफिक की समस्या को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या का पलटवार

इस बयान पर भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या (Tejasvi Surya) ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि अब स्पष्ट हो गया कि टनल रोड प्रोजेक्ट ट्रैफिक की समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक समस्या हल करने के लिए बनाया जा रहा है। सूर्या ने कहा कि डीके शिवकुमार का यह बयान हास्यास्पद है और इससे लोगों में नाराजगी फैल सकती है।
मेट्रो नेटवर्क बढ़ाने का सुझाव
तेजस्वी सूर्या ने शिवकुमार को सुझाव दिया कि ट्रैफिक की स्थायी समस्या का समाधान केवल बसों और टनल रोड से नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मेट्रो नेटवर्क को 300 किलोमीटर तक बढ़ाया जाना चाहिए और ट्रेन की फ्रीक्वेंसी तीन मिनट पर रखी जानी चाहिए। इसके अलावा, छोटी बस सेवाओं को जोड़ने से भी ट्रैफिक की समस्या कम हो सकती है।
स्थायी समाधान पर चिंता
सूर्या ने टनल रोड प्रोजेक्ट के पर्यावरणीय प्रभाव पर भी चिंता जताई। उनका कहना है कि इस रोड से पर्यावरण को नुकसान होगा और ट्रैफिक की दीर्घकालिक समस्या का स्थायी समाधान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में सार्वजनिक परिवहन के विकल्प बढ़ाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए ताकि लोगों को कार पर निर्भर न रहना पड़े।












