दिल्ली में क्लाउड सीडिंग को लेकर सियासत गर्म है। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह जनता के पैसों की बर्बादी और वैज्ञानिक सलाह की अनदेखी है, जिसे एक बड़ा घोटाला बताया जा सकता है।
नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण से राहत दिलाने के नाम पर की गई क्लाउड सीडिंग योजना अब सियासी संग्राम का मुद्दा बन गई है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पूरा प्रोजेक्ट जनता के टैक्स के पैसों की बर्बादी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने वैज्ञानिक सलाह को नजरअंदाज कर “कृत्रिम वर्षा” के नाम पर झूठी वाहवाही लूटने की कोशिश की और इंद्र देव की प्राकृतिक बारिश का क्रेडिट चुराया।
प्रदूषण नियंत्रण पर सरकार की नीयत पर सवाल
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, लेकिन सरकार इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हल करने के बजाय प्रचार का जरिया बना रही है। उन्होंने कहा कि जनता के टैक्स के पैसों का उपयोग सही तरीके से किया जाना चाहिए, न कि फर्जी प्रयोगों पर खर्च करके वाहवाही लूटी जाए।
उन्होंने दावा किया कि क्लाउड सीडिंग का प्रयोग बिना किसी वैज्ञानिक सलाह के किया गया। दिल्ली की जनता को यह विश्वास दिलाया गया कि सरकार प्रदूषण कम करने के लिए तकनीकी प्रयास कर रही है, जबकि असल में यह केवल दिखावा था। भारद्वाज ने इसे “जनता को गुमराह करने की राजनीति” करार दिया।
मानसून में ‘कृत्रिम वर्षा’ का ऐलान बना मज़ाक

आप नेता ने कहा कि जब मानसून के दौरान पहले से बारिश हो रही थी, तब सरकार ने क्लाउड सीडिंग कराने की घोषणा कर दी। उन्होंने इसे मजाक बताते हुए कहा कि “जब आसमान खुद बरस रहा था, तब कृत्रिम वर्षा का दावा जनता को धोखा देने जैसा था।”
बाद में सरकार ने दिवाली के बाद सीडिंग कराने की बात कही, लेकिन तब भी बारिश नहीं हुई। सौरभ भारद्वाज ने व्यंग्य करते हुए कहा कि सरकार ने जब बादल देखे तो तुरंत दावा कर दिया कि यह उनकी सीडिंग का नतीजा है, जबकि असल में यह प्राकृतिक बारिश थी — “इंद्र देव की मेहर, जिसे सरकार ने अपनी उपलब्धि बताने की कोशिश की।”
वैज्ञानिक संस्थाओं की राय को किया अनदेखा
भारद्वाज ने खुलासा किया कि दिल्ली सरकार ने इस परियोजना पर भारतीय मौसम विभाग (IMD), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और अन्य वैज्ञानिक संस्थाओं की सलाह को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। इन संस्थाओं ने साफ कहा था कि दिल्ली की जलवायु में इस समय क्लाउड सीडिंग की आवश्यकता नहीं है और इस्तेमाल होने वाले केमिकल से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब तीनों विशेषज्ञ संस्थाएं पहले ही मना कर चुकी थीं, तो फिर करोड़ों रुपये खर्च करने की क्या जरूरत थी? उन्होंने इस पूरे प्रोजेक्ट को “क्लाउड सीडिंग स्कैम” बताते हुए कहा कि यह जनता के पैसे से की गई एक राजनीतिक स्टंटबाज़ी है।
मंत्री की योग्यता पर विपक्ष का सवाल
आप नेता ने दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “क्लाउड सीडिंग जैसे वैज्ञानिक प्रोजेक्ट पर बयान देने वाले मंत्री खुद इंजीनियर नहीं, बल्कि 12वीं पास हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि यह फैसला किस वैज्ञानिक आधार पर लिया गया?”
भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान ऐसे फैसले विशेषज्ञों की राय के बाद लिए जाते थे, जबकि मौजूदा सरकार ने केवल राजनीतिक लाभ के लिए जनता के पैसों में आग लगा दी। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं बल्कि जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ है, जिसका जवाब जनता आने वाले समय में जरूर देगी।












