जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बुधवार को बीजेपी विधायक शगुन परिहार के बयान से हंगामा मच गया। परिहार ने किश्तवाड़ में हिंदू समुदाय के साथ भेदभाव का आरोप लगाया, जिस पर विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई और बयान वापस लेने की मांग की।
जम्मू-कश्मीर: विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बुधवार को उस वक्त हंगामा मच गया जब बीजेपी विधायक शगुन परिहार ने किश्तवाड़ में “राष्ट्रवादी हिंदू लोगों” की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि क्षेत्र में विकास कार्यों में धार्मिक आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। उनके बयान पर विपक्षी विधायकों ने तीखी आपत्ति जताई, जिसके बाद सदन में शोर-शराबा हुआ और स्पीकर को हस्तक्षेप करना पड़ा।
बीजेपी विधायक शगुन परिहार का गंभीर आरोप
बीजेपी विधायक शगुन परिहार ने सदन में कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी किश्तवाड़ जिला विकास की राह में पिछड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि छतरू से उली तक जाने वाली सड़क परियोजना को इसलिए अधूरा छोड़ दिया गया क्योंकि यह मुख्य रूप से हिंदू बहुल गांवों से होकर गुजरती है।
विधायक ने कहा, “हम राष्ट्रवादी हिंदू हैं, लेकिन हमें नजरअंदाज किया जा रहा है। हमारे गांवों में कोई काम नहीं हो रहा सिर्फ इसलिए कि हम हिंदू हैं।” उनके इस बयान ने विधानसभा में हलचल मचा दी और विपक्षी दलों के सदस्यों ने तुरंत आपत्ति जताई।
विपक्षी दलों की बयान वापस लेने की मांग

नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के विधायकों ने शगुन परिहार से अपना बयान वापस लेने की मांग की। उनका कहना था कि विधायक ने देशभक्ति को एक धर्म से जोड़ने की कोशिश की है, जो संवैधानिक भावना के खिलाफ है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि “राष्ट्रवाद किसी एक धर्म की संपत्ति नहीं है, बल्कि हर भारतीय की पहचान है।”
इस दौरान सदन में शोरगुल बढ़ गया और कुछ क्षणों के लिए कार्यवाही बाधित करनी पड़ी। नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक नज़ीर अहमद खान ने कहा कि “शगुन परिहार पहली बार विधायक बनी हैं, शायद उत्साह में उनकी जुबान फिसल गई,” साथ ही उन्होंने सलाह दी कि वे भविष्य में ऐसे बयानों से बचें।
भेदभाव के आरोप पर सरकार का पलटवार
कृषि एवं बागवानी मंत्री जाविद अहमद डार ने कहा कि सरकार किसी भी क्षेत्र या समुदाय के साथ भेदभाव नहीं करती। उन्होंने कहा, “किश्तवाड़ में सभी धर्मों के लोग राष्ट्रवादी हैं। वहां कोई सांप्रदायिक भेदभाव नहीं है।”
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने भी परिहार की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि “किश्तवाड़ में हिंदू और मुसलमान दोनों ही देशभक्त हैं। ऐसे बयान उन लोगों की कुर्बानियों का अपमान हैं जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी।”
विवाद पर स्पीकर का हस्तक्षेप
हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने स्थिति संभालते हुए शगुन परिहार को चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “आप पहली बार MLA बनी हैं, आपको अपने शब्दों में संयम रखना चाहिए और मर्यादा बनाए रखनी चाहिए।”
स्पीकर ने उनके विवादित बयान को विधानसभा रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया और विधायक को भविष्य में “अनुशासित भाषा” का प्रयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विधायक का ध्यान रचनात्मक बहसों और क्षेत्र के विकास से जुड़े ठोस मुद्दों पर रहना चाहिए, न कि धार्मिक रंग देने पर।













